#गढ़वा #शौचालययोजना : ग्रामीणों ने जल सहिया और मुखिया पर मिलीभगत का आरोप लगाया
- महुदंड गांव के ग्रामीणों ने फर्जी निकासी की शिकायत दर्ज कराई।
- स्वच्छ भारत मिशन के तहत बने 15 शौचालयों का भुगतान नहीं हुआ।
- जल सहिया और मुखिया पर मिलीभगत कर रकम निकालने का आरोप।
- ग्रामीणों ने प्रखंड विकास पदाधिकारी को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की।
- मजलूम खातून के नेतृत्व में ग्रामीणों का प्रतिनिधिमंडल बीडीओ को मिला।
गढ़वा जिला अंतर्गत डंडई प्रखंड के महुदंड गांव में ग्रामीणों ने एक गंभीर मामला उठाया है। ग्रामीणों का कहना है कि जल सहिया और मुखिया की मिलीभगत से 15 लाभुकों के शौचालय का पैसा अवैध रूप से निकाल लिया गया है। इस बाबत ग्रामीणों ने डंडई के प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO) को एक पत्र लिखकर शिकायत दर्ज कराई है।
ग्रामीणों की शिकायत
ग्रामीणों का आरोप है कि स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत गांव में शौचालय का निर्माण कार्य पूरा करने के बाद जब लाभुक भुगतान के लिए पहुंचे, तो उन्हें जानकारी मिली कि उनके नाम से पैसा पहले ही निकासी कर लिया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि यह रकम फर्जी तरीके से निकासी की गई है, जिससे 15 परिवारों को वंचित कर दिया गया।
किन-किन लाभुकों का पैसा गायब
ग्रामीणों द्वारा दिए गए पत्र में जिन लाभुकों का पैसा अवैध रूप से निकाला गया, उनमें रामचन्द्र ठाकुर, दविन्दी देवी, पूनम देवी, बेबी देवी, सिबल सिंह, बसंत कुमार ठाकुर, विनय कुमार राम, मोजाहीम अंसारी, सरोज प्रजापति, कमलेश राम, हरिलाल शम, सीता देवी, बनीहा ईर्षा, नजमा बीबी और मजलूम खातून शामिल हैं।
सामूहिक शिकायत
इस शिकायत को लेकर मजलूम खातून के नेतृत्व में ग्रामीण प्रतिनिधिमंडल बीडीओ से मिला। इस प्रतिनिधिमंडल में नजमा बीबी, मोजाहिम अंसारी, बसंत कुमार ठाकुर, सीता देवी, बेबी देवी, रामचंद्र ठाकुर, विनय कुमार राम, सोनी देवी, कमलेश राम, सरोज प्रजापति समेत अन्य ग्रामीण मौजूद थे। इन सभी ने एक स्वर में कहा कि जब तक उन्हें उनका हक नहीं मिलेगा, वे न्याय की लड़ाई जारी रखेंगे।
जांच और कार्रवाई की मांग
ग्रामीणों ने मांग की है कि इस पूरे प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए और दोषी जल सहिया एवं मुखिया पर सख्त कार्रवाई हो। साथ ही, जिन लाभुकों का भुगतान रोक दिया गया है, उन्हें शीघ्र राशि उपलब्ध कराई जाए। शिकायत के साथ ग्रामीणों ने स्वच्छता विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई सूची भी साक्ष्य के रूप में संलग्न की है।

न्यूज़ देखो: योजनाओं में पारदर्शिता जरूरी
यह घटना बताती है कि गांवों तक भेजी जा रही सरकारी योजनाओं की राशि में भी गड़बड़ी की संभावना बनी रहती है। ऐसे में जरूरी है कि भुगतान और कार्यान्वयन की प्रक्रिया पारदर्शी हो तथा हर स्तर पर सोशल ऑडिट को अनिवार्य किया जाए।
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जागरूकता से ही मिलेगा हक
अब समय है कि ग्रामीण अपनी योजनाओं पर निगरानी रखें और यदि कहीं गड़बड़ी दिखे तो आवाज उठाएं। आप भी अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को साझा करें ताकि ऐसी गड़बड़ियों पर तुरंत कार्रवाई हो सके।