#गढ़वा – स्वास्थ्य सेवाओं की लचर व्यवस्था फिर उजागर:
- गढ़वा सदर अस्पताल में डॉक्टर नहीं मिलने से गंभीर मरीज को समय पर इलाज नहीं मिला।
- मजबूर परिजनों को निजी जांच केंद्र से जांच करानी पड़ी।
- अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही उजागर, मैनेजर ने नर्सिंग स्टाफ से मरीज रेफर कराने को कहा।
- एसडीओ संजय कुमार के हस्तक्षेप के बाद मरीज को हायर सेंटर भेजा गया।
- एसडीओ ने लापरवाही पर नाराजगी जताई, स्वास्थ्य विभाग को भेजेंगे रिपोर्ट।
घटना का पूरा विवरण
गढ़वा सदर अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाओं की लचर स्थिति एक बार फिर सामने आई। शुक्रवार रात करीब 8:50 बजे एक गंभीर मरीज को लेकर परिजन लेबर रूम पहुंचे, लेकिन वहां कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था। मरीज की हालत बिगड़ती जा रही थी, लेकिन मौके पर सिर्फ नर्सिंग स्टाफ था, जो इलाज में असमर्थ था।
निजी जांच केंद्र से करानी पड़ी जांच
ड्यूटी पर मौजूद नर्सों ने परिजनों को कुछ जरूरी जांच कराने के लिए पर्ची दी। लेकिन अस्पताल में जांच सुविधा उपलब्ध नहीं होने के कारण, परिजनों को मजबूरन निजी जांच केंद्र का सहारा लेना पड़ा। जब वे मरीज को लेकर लौटे, तब तक उसकी हालत और ज्यादा बिगड़ चुकी थी।
प्रबंधन की अनदेखी, डॉक्टर थे नदारद
मामले की गंभीरता को देखते हुए परिजनों ने अस्पताल मैनेजर एस. एम. त्रिपाठी से संपर्क किया। लेकिन डॉक्टर की अनुपस्थिति के बावजूद, उन्होंने बिना किसी योग्यता के नर्सिंग स्टाफ को मरीज को रेफर करने की सलाह दी।
परिजनों ने अस्पताल के उपाधीक्षक हरेन चंद्र महतो और सिविल सर्जन डॉ. अशोक कुमार से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया।
एसडीओ से शिकायत के बाद हरकत में आया प्रशासन
मजबूर होकर मरीज के परिजनों ने एसडीओ संजय कुमार से मदद मांगी। उन्होंने तुरंत अस्पताल पहुंचकर ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डॉ. सीमा कुमारी को गैरहाजिर पाया। इसके बाद उन्होंने उपाधीक्षक और सिविल सर्जन को कॉल किया, लेकिन किसी ने जवाब नहीं दिया।
मरीज की बिगड़ती हालत को देखते हुए एसडीओ ने तुरंत इमरजेंसी ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर को मरीज को हायर सेंटर रेफर करने का निर्देश दिया। इसके बाद मरीज को एंबुलेंस से पलामू भेजा गया।
एसडीओ ने जताई नाराजगी, भेजेंगे रिपोर्ट
एसडीओ संजय कुमार ने गढ़वा सदर अस्पताल की व्यवस्था को दयनीय बताया और कहा कि पूरा लेबर वार्ड नर्सिंग स्टाफ के भरोसे चल रहा है। उन्होंने मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग को रिपोर्ट भेजने की बात कही।
स्वास्थ्य सेवाओं पर फिर उठे सवाल
गढ़वा सदर अस्पताल में डॉक्टरों की अनुपस्थिति का यह कोई पहला मामला नहीं है। आए दिन मरीजों को बिना इलाज भटकना पड़ता है। इस घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर फिर से सवाल खड़े हो गए हैं। अब देखना होगा कि प्रशासन इस पर क्या सख्त कदम उठाता है, या यह मामला भी ठंडे बस्ते में चला जाएगा।
👉 स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार कब होगा?
गढ़वा सदर अस्पताल में डॉक्टरों की गैरमौजूदगी से एक बार फिर सवाल खड़ा हो गया है – आखिर कब सुधरेंगी स्वास्थ्य सेवाएं? कब मरीजों को बिना भागदौड़ किए समय पर इलाज मिलेगा? यह घटना सिर्फ एक उदाहरण है, ऐसी कई घटनाएं रोज होती हैं, जिनका दर्द सिर्फ मरीजों और उनके परिजनों को ही पता होता है।
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