
#गढ़वा #सिंचाई_परियोजना : सांसद विष्णु दयाल राम ने कार्य प्रगति की समीक्षा की—अधिकारियों को तेजी लाने का निर्देश
- सांसद विष्णु दयाल राम ने बड़गड़, भंडरिया और रंका (भंवरी) में परियोजना स्थल का निरीक्षण किया।
- 1276 करोड़ रुपये की लागत से बन रही सोन–कनहर पाइपलाइन सिंचाई परियोजना।
- फॉरेस्ट क्लियरेंस में विलंब से परियोजना नई समयसीमा सितंबर 2026 तक बढ़ी।
- 366 जलाशयों तक पानी पहुंचाने के लिए बड़े पंप हाउस और डिलेवरी चेंबर का निर्माण जारी।
- निरीक्षण के दौरान एलएनटी कंपनी को कार्य में तीव्रता लाने के निर्देश दिए गए।
- निरीक्षण में प्रशासनिक अधिकारी, तकनीकी विशेषज्ञ और स्थानीय प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
पलामू सांसद विष्णु दयाल राम ने शनिवार को गढ़वा जिले में चल रही सोन–कनहर पाइपलाइन सिंचाई परियोजना के बड़गड़, भंडरिया और रंका (भंवरी) स्थित स्थलों का निरीक्षण किया। यह महत्वाकांक्षी योजना केंद्र सरकार द्वारा 1276 करोड़ रुपये की लागत से स्वीकृत की गई है। मूल रूप से परियोजना वर्ष 2023 तक पूर्ण होनी थी, लेकिन विभिन्न चरणों में फॉरेस्ट क्लीयरेंस मिलने में देरी के कारण इसकी अवधि बढ़कर सितंबर 2026 निर्धारित की गई है। सांसद ने अधिकारियों के साथ पूरे प्रगतिरोध की समीक्षा की और निर्देश दिया कि सभी घटक समय पर पूरे किए जाएँ ताकि किसानों को सिंचाई सुविधा समय पर मिल सके।
परियोजना का महत्व और संभावित लाभ
इस योजना के पूर्ण होने पर गढ़वा जिले के 20 में से 18 प्रखंडों के किसानों को स्थायी सिंचाई की सुविधा प्राप्त होगी। सांसद के मुताबिक बरसात के महीनों में सोन नदी (दारीदह—कांडी प्रखंड), कनहर नदी (भौंरी—रंका तथा उगरा—बड़गड़ प्रखंड) में जब पानी भरता है, तब अत्याधुनिक मोटर पंपों की सहायता से पानी को 366 जलाशयों तक पहुँचाया जाएगा।
यह तंत्र जिले में डैम, तालाब, आहर और छोटे जलस्रोतों में जलसंकट को खत्म करेगा और सूखे के समय भी कृषि क्रियाकलापों को निर्बाध रखेगा। सांसद ने कहा कि वर्तमान में नदियों का बहुमूल्य पानी बिना उपयोग बह जाता है, अतः यह योजना उस संसाधन का सर्वोत्तम उपयोग सुनिश्चित करेगी।
संरचनात्मक कार्यों की स्थिति
सिंचाई परियोजना के तहत लगभग 20 एकड़ भूमि पर स्थायी संरचनाओं का निर्माण किया जा रहा है। इसमें शामिल हैं—
- 6 पंप हाउस
- 6 डिलेवरी चेंबर
- 8 ब्रेक प्रेशर टैंक
कांडी और रंका में दो-दो पंप हाउस, जबकि भवनाथपुर और भंडरिया में एक-एक पंप हाउस बन रहे हैं। इसी प्रकार कांडी, भवनाथपुर, नगरउंटारी और भंडरिया में एक-एक व रंका में दो डिलेवरी चेंबर का निर्माण किया जा रहा है।
रमना, चिनियां, रमकंडा, धुरकी में एक-एक तथा गढ़वा और रंका में दो-दो ब्रेक प्रेशर टैंक तैयार किए जा रहे हैं।
किन जलाशयों तक पहुंचेगा पानी
इस योजना के माध्यम से गढ़वा जिले के प्रमुख जलाशयों अन्नराज, पनघटवा, चिरका, उतमाही, बायीं बांकी, फूलवरिया, सरस्वतिया, कवलदाग, पंडरवा, बभनीखांड़, बंबा आदि तक नियमित रूप से पानी पहुंचाया जाएगा।
कुछ जलाशयों—सरस्वतिया, कलवदाग, बभनीखांड़, उतमाही और पंडरवा—तक पानी सोन नदी के स्रोत से जाएगा, जबकि पनघटवा, बायीं बांकी और अन्नराज जलाशयों में पानी कनहर नदी से डाला जाएगा।
निरीक्षण के दौरान दिए गए निर्देश
निरीक्षण के समय सांसद ने कार्यरत एजेंसी एलएनटी कंपनी के पदाधिकारियों को निर्माण कार्यों में तेजी लाने का निर्देश दिया।
उन्होंने स्पष्ट कहा—
विष्णु दयाल राम ने कहा: “यह परियोजना किसानों की जीवनरेखा बनने वाली है। इसे हर हाल में नई समयसीमा के भीतर पूरा किया जाना चाहिए।”
उन्होंने अधिकारियों को परियोजना की नियमित मॉनिटरिंग, गुणवत्ता मानकों के पालन और बाधाओं को शीघ्र दूर करने को कहा।
निरीक्षण के दौरान उपस्थित प्रतिनिधि
निरीक्षण के दौरान निम्न अधिकारी व जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे—
- रंका एसडीओ श्री रुद्र प्रताप
- एलएनटी कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर श्री चंदन कुमार
- जल पथ प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता श्री नवीन महली
- भाजपा जिला अध्यक्ष श्री ठाकुर प्रसाद महतो
- वरिष्ठ नेता श्री मुकेश निरंजन सिन्हा
- सांसद के निजी सचिव श्री अलख दुबे
- श्री आनंद सोनी, श्री बजरंग गुप्ता, श्री भूषण सिंह
- अन्य पदाधिकारीगण एवं स्थानीय प्रतिनिधि

न्यूज़ देखो: सिंचाई सुरक्षा की बड़ी उम्मीद
इस निरीक्षण से यह स्पष्ट होता है कि परियोजना उच्च स्तर पर प्राथमिकता में है और इसके पूरा होने पर गढ़वा की कृषि व्यवस्था को स्थायी सुरक्षा मिलेगी। लंबे समय से जलाभाव झेल रहे कई प्रखंडों में इस योजना से कृषि उत्पादन बढ़ेगा और किसानों को आर्थिक राहत मिलेगी। प्रशासन द्वारा तेज कार्रवाई से परियोजना की गति और गुणवत्ता का सुनिश्चित होना आवश्यक है।
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किसानों की उम्मीदें जीवित रहें
यह परियोजना सिर्फ एक संरचना नहीं, बल्कि हजारों किसानों के भविष्य से जुड़ी उम्मीद है। ऐसे में प्रशासन, कंपनी और जनप्रतिनिधियों की संयुक्त जिम्मेदारी बनती है कि समयसीमा का कड़ाई से पालन हो।
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