गढ़वा के कचहरी रोड स्थित जनता डेंटल क्लीनिक में चल रहे निशुल्क दंत जांच शिविर के पांचवें दिन 35 मरीजों का परीक्षण किया गया। मरीजों को निशुल्क दवाइयां और टूथपेस्ट प्रदान किए गए। शिविर के दौरान डॉ. एम. एन. खान ने मरीजों को डेंटल इम्प्लांट (दंत प्रत्यारोपण) की उन्नत तकनीक और इसके लाभों के बारे में जागरूक किया।
डेंटल इम्प्लांट: खोए दांतों का सबसे प्रभावी समाधान
डॉ. खान ने बताया कि डेंटल इम्प्लांट तकनीक में टाइटेनियम स्क्रू को जबड़े की हड्डी में लगाया जाता है, जिस पर कृत्रिम दांत स्थापित किया जाता है।
डेंटल इम्प्लांट के फायदे
- मजबूत और टिकाऊ।
- असली दांतों की तरह दिखने वाले।
- खाने और बोलने में सुविधा।
- गिरने या टूटने का डर नहीं।
कृत्रिम दांत के प्रकार
- ऐक्रेलिक दांत: मुलायम और लचीले, मसूड़ों के अनुकूल।
- मेटल-फ्री सेरामिक दांत: प्राकृतिक दांतों के समान दिखने वाले, खासकर सामने के दांतों के लिए बेहतर।
खोए हुए दांत न बदलने से होने वाले नुकसान
- भोजन चबाने में समस्या।
- स्वस्थ दांतों का गलत दिशा में बढ़ना।
- गालों का दुबलापन।
- स्पष्ट उच्चारण में बाधा।
स्वस्थ दांतों के लिए सुझाव
- दिन में दो बार ब्रश करें।
- हर छह महीने में दंत चिकित्सक से जांच कराएं।
- दांतों की सफाई और देखभाल में लापरवाही न करें।
डॉ. खान ने कहा कि शिविर 31 दिसंबर तक जारी रहेगा और दांतों की समस्याओं से जूझ रहे मरीजों को राहत प्रदान करने के साथ-साथ, उन्हें उन्नत उपचार विकल्पों की जानकारी दी जा रही है।