
चिनिया वन क्षेत्र के बिलैयतीखैर गांव में शुक्रवार की रात जंगली हाथी ने नंदलाल पाल और मुखलाल पाल के मिट्टी के घर को तोड़कर भारी नुकसान पहुंचाया। घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने शनिवार को अंचल कार्यालय और वन विभाग परिसर में पहुंचकर मुआवजे की मांग की।
ग्रामीणों का आक्रोश और आंदोलन की चेतावनी
घटना के बाद रीमा देवी, आरती देवी, संगीता देवी, अंजू कुमारी, जयंती कुमारी, कुंदन पाल, अंजलि कुमारी, और अन्य ग्रामीणों ने विभागीय अधिकारियों को आवेदन देकर कहा कि जंगली हाथियों के लगातार आतंक से जीवन संकट में है।
ग्रामीणों का कहना है कि पहले क्षेत्र में माओवादी खतरा था, जिससे लोग घर से बाहर निकलने से डरते थे। अब जंगली हाथियों ने ऐसा आतंक मचा रखा है कि रात में घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो वे अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने के लिए मजबूर होंगे।
वन विभाग पर लापरवाही का आरोप
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जंगली हाथियों द्वारा फसल और घरों को नुकसान पहुंचाने की घटनाओं के बावजूद वन विभाग की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। किसानों ने कई बार क्षतिपूर्ति मुआवजा की मांग की, लेकिन अब तक कोई पहल नहीं की गई है।
वन विभाग का आश्वासन
वनपाल अनिमेष कुमार ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि विभाग को घर गिराए जाने की सूचना मिली है। सरकारी प्रावधान के तहत पीड़ित परिवार को मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि जल्द ही जंगली हाथियों के आतंक को रोकने के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे।
हाथियों का बढ़ता आतंक
इस क्षेत्र में जंगली हाथियों का आतंक लंबे समय से बना हुआ है। फसल और घरों को लगातार नुकसान पहुंचने से किसान आर्थिक संकट में हैं। स्थानीय ग्रामीणों ने वन विभाग से हाथियों को भगाने और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने की मांग की है।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए विभागीय अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि ग्रामीणों को राहत मिल सके और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित हो।