गढ़वा समाहरणालय में गुरुवार को उपायुक्त शेखर जमुआर की अध्यक्षता में कनहर सोन अंडरग्राउंड पाइपलाइन परियोजना के संबंध में महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस परियोजना के तहत जल संसाधन विभाग द्वारा अधिग्रहित भूमि पर एलएंडटी द्वारा अंडरग्राउंड पाइपलाइन बिछाने का कार्य किया जा रहा है। साथ ही, उक्त भूमि पर क्षतिपूरक वनरोपण का कार्य वन विभाग को सौंपा गया है।
ग्रामीणों का विरोध
ग्राम खैरा, टोटकी और सिंजो के ग्रामीणों ने भूमि मापन और वनरोपण कार्य में बाधा उत्पन्न की है। उनका कहना है कि भूमि उनकी खेती के लिए उपयोगी है और वे वनरोपण का विरोध कर रहे हैं।
वास्तविक स्थिति
परियोजना सहायक ने जानकारी दी कि यह भूमि 1973 में मंडल डैम निर्माण के समय ही जल संसाधन विभाग द्वारा अधिग्रहित की जा चुकी है। वनरोपण कार्य इस परियोजना का हिस्सा है और ग्रामीणों की जमीन पर कोई नया निर्माण नहीं होगा।
डीसी के निर्देश
- संबंधित ग्राम के मुखिया को ग्रामीणों को वास्तविक स्थिति समझाने और संवाद स्थापित करने का निर्देश दिया गया।
- अनुमंडल पदाधिकारी, अंचल अधिकारी, वन विभाग के अधिकारी, और एलएंडटी के प्रतिनिधि द्वारा स्थल का दौरा कर ग्रामीणों को स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश दिए गए।
बाधाओं को दूर कर परियोजना कार्य में सहयोग सुनिश्चित करने का आह्वान किया गया।
बैठक में उपस्थित अधिकारी
अपर समाहर्ता, पलामू टाइगर रिजर्व के उप निदेशक, एसडीओ रंका, कार्यपालक अभियंता जल संसाधन विभाग, बीडीओ और सीओ भंडरिया, तथा संबंधित क्षेत्र के मुखिया सहित अन्य अधिकारी बैठक में शामिल हुए।
कनहर परियोजना के तहत वनरोपण और पाइपलाइन कार्य के लिए ग्रामीणों के बीच जागरूकता बढ़ाने और संवाद स्थापित करने पर बल दिया गया। ग्रामीणों का समर्थन प्राप्त कर परियोजना की प्रगति सुनिश्चित की जाएगी।