गढ़वा के नंदा चौबे ने गरीबी को मात देकर बने बैंक मैनेजर

नंदा चौबे की संघर्ष गाथा

गढ़वा जिले के श्री बंशीधर नगर प्रखंड के पाल्हे कलां गांव निवासी नंदा चौबे ने यह साबित किया कि मेहनत और संघर्ष के दम पर किसी भी बाधा को पार किया जा सकता है। एक गरीब किसान परिवार में जन्मे नंदा चौबे के पिता सहदेव चौबे खेती के जरिए अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे। कठिन आर्थिक परिस्थितियों के बावजूद, नंदा ने पढ़ाई को अपनी प्राथमिकता बनाकर बैंकिंग क्षेत्र में सफलता हासिल की।

पिता का गर्व

नंदा चौबे के पिता ने अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा, “बेटे पर गर्व है मुझे। मेरा सपना था कि मेरा बेटा एक बड़ा अफसर बने, और आज उसने मेरी उम्मीदों को साकार कर दिया।

संघर्ष से सफलता तक

नंदा चौबे का मानना है कि “संघर्ष ही सफलता का मूल मंत्र है।” उन्होंने कहा, “जीवन में बाधाएं हमेशा आएंगी, लेकिन हमें अपने लक्ष्य पर डटे रहना चाहिए। सफलता उन्हीं को मिलती है जो धैर्य और मेहनत से अपने सपनों को सच करते हैं।

संदेश

नंदा चौबे की यह सफलता युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत है। उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी हार नहीं मानी और यह साबित कर दिया कि मेहनत और लगन से सब कुछ संभव है।

गढ़वा के युवाओं की ऐसी प्रेरणादायक कहानियों के लिए जुड़े रहें ‘न्यूज़ देखो’ के साथ। हर संघर्ष का फल मीठा होता है, इसलिए अपने सपनों को पाने के लिए मेहनत करते रहें।

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