#गढ़वा #UPSCसफलता | मेराल प्रखंड के अलवानी गांव की बेटी बनी पूरे जिले की प्रेरणा
- मेराल प्रखंड के अलवानी गांव की छाया कुमारी ने UPSC परीक्षा में 530वीं रैंक हासिल की
- गांव, प्रखंड और जिले में छाया कुमारी की उपलब्धि पर जश्न का माहौल
- अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने घर पहुंचकर छाया को सम्मानित किया
- छाया के माता-पिता के संघर्ष को भी सराहा गया
- युवाओं के लिए बनीं संघर्ष और सफलता की मिसाल
- संसाधनों की कमी के बावजूद संकल्प और मेहनत से हासिल किया मुकाम
प्रेरणा की कहानी : छाया कुमारी का संघर्ष और सफलता
गढ़वा जिले के मेराल प्रखंड के ग्राम अलवानी निवासी छाया कुमारी ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) 2025 की परीक्षा में 530वीं रैंक हासिल कर पूरे क्षेत्र को गौरवान्वित कर दिया है। छाया की इस ऐतिहासिक सफलता पर रविवार को जिले के कई गणमान्य लोग उनके घर पहुंचे और मिठाई खिलाकर, फूलमालाओं से लादकर उनका सम्मान किया।
“छाया कुमारी ने साबित कर दिया कि मेहनत और संकल्प के सामने कोई भी कठिनाई टिक नहीं सकती।” — वीरेंद्र साव
सम्मान समारोह में उमड़ी भीड़, खुशी से झूमे ग्रामीण
संघर्ष की कहानी से सजी छाया की यात्रा
छाया कुमारी के सम्मान समारोह में किस्मती कॉलेज ऑफ फार्मेसी एंड नर्सिंग के सचिव एवं झामुमो नेता वीरेंद्र साव, उनकी पत्नी एवं शिक्षिका श्रीमती स्वेता गुप्ता, निदेशक लव कुमार सिंह, शिक्षक विकास मिश्रा, श्रीकांत चौधरी, ओंकार कुमार, शिक्षिकाएं अंजनी कुमारी व अनु कुमारी, समाजसेवी राजकुमार केशरी समेत कई प्रतिष्ठित लोग मौजूद रहे।
सभी ने छाया को मिठाई खिलाकर, फूलमाला पहनाकर और शुभकामनाएं देकर उनके कठिन परिश्रम की सराहना की। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने कहा कि छाया की सफलता न सिर्फ उनके परिवार, बल्कि पूरे गढ़वा जिले के लिए गर्व का विषय है।
“छाया ने साबित कर दिया कि मजबूत इच्छाशक्ति से कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है।” — स्वेता गुप्ता
माता-पिता के योगदान को सलाम
इस अवसर पर वीरेंद्र साव ने छाया के पिता सुनील मिश्रा और मां को विशेष रूप से बधाई देते हुए कहा कि उनकी संघर्षपूर्ण यात्रा से हर माता-पिता को प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि संसाधनों की कमी के बावजूद उन्होंने अपनी बेटी को बेहतर शिक्षा दिलाकर यह मुकाम दिलाया है, जो एक उदाहरण है।
अलवानी गांव में खुशी का माहौल, युवाओं को मिली नई प्रेरणा
छाया कुमारी की सफलता से अलवानी गांव और आसपास के इलाकों में खुशी की लहर दौड़ गई है। ग्रामीणों ने ढोल-नगाड़ों और मिठाइयों के साथ जश्न मनाया। सभी ने कहा कि छाया की उपलब्धि से यह सिद्ध हो गया कि अगर सपनों के प्रति समर्पण और मेहनत हो, तो कोई भी मंजिल दूर नहीं।
ग्रामीणों ने छाया को युवाओं के लिए प्रेरणा बताते हुए कहा कि उनकी कहानी से हर बच्चा यह सीखेगा कि सपनों को पूरा करने के लिए कठिनाइयों से लड़ना पड़ता है।
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‘न्यूज़ देखो‘ आपके लिए लाता है ऐसे प्रेरणादायक किस्से, जो आपके सपनों को पंख देने का काम करते हैं। छाया कुमारी जैसी प्रतिभाओं की मेहनत और सफलता की कहानी से हम सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए। जुड़े रहिए हमारे साथ, क्योंकि हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।