गढ़वा: किसानों को सशक्त बनाने के लिए वर्मीबेड वितरण कार्यक्रम

कार्यक्रम का विवरण

गढ़वा जिले में जिला कृषि पदाधिकारी (DAO) शिव शंकर प्रसाद के नेतृत्व में बागवानी योजना के तहत वर्मीबेड वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों को जैविक खेती के प्रति प्रोत्साहित करना और उनकी कृषि उत्पादकता में सुधार करना है।

कार्यक्रम के दौरान, शिव शंकर प्रसाद ने वर्मीबेड के उपयोग और फायदों के बारे में किसानों को जागरूक किया। उन्होंने कहा कि वर्मीबेड के माध्यम से किसान अपनी भूमि की उर्वरता बढ़ा सकते हैं और जैविक खाद का उत्पादन कर सकते हैं, जिससे उनकी फसलों की लागत में कमी आएगी।

वर्मीबेड के फायदे

किसानों की प्रतिक्रिया

कार्यक्रम में उपस्थित किसानों ने इस पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि वर्मीबेड के जरिए वे अपनी फसलों की गुणवत्ता में सुधार करेंगे और इस तकनीक को अपने गांवों में भी बढ़ावा देंगे।

किसानों ने यह भी कहा कि इस योजना से उन्हें जैविक खेती की ओर बढ़ने का मौका मिलेगा, जो उनकी आय में वृद्धि के साथ-साथ पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है।

आगे की योजना

जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि गढ़वा जिले के अन्य क्षेत्रों में भी वर्मीबेड वितरण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके साथ ही, किसानों को वर्मीबेड के उपयोग और जैविक खाद के उत्पादन की ट्रेनिंग भी दी जाएगी।

यह पहल गढ़वा जिले में जैविक खेती को बढ़ावा देने और किसानों की आय में वृद्धि के प्रयासों को मजबूत करेगी।

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