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- 21 वर्षों से कार्यरत संविदा और दैनिक वेतन भोगी कर्मियों का अनिश्चितकालीन धरना जारी।
- नियमितीकरण की मांग को लेकर झारखंड उच्च न्यायालय में दायर की थी याचिका।
- कोर्ट के आदेश के बावजूद 27 कर्मियों का नहीं हुआ नियमितीकरण।
- विश्वविद्यालय प्रशासन ने केवल एक कर्मी का किया स्थायी नियुक्ति।
- 27 फरवरी से तालाबंदी करने की दी गई चेतावनी।
संविदा कर्मियों का धरना जारी
गढ़वा के कृषि विज्ञान केंद्र में कार्यरत संविदा और दैनिक वेतन भोगी कर्मियों का शनिवार को भी अनिश्चितकालीन धरना जारी रहा। कर्मियों ने बताया कि वे पिछले 21 वर्षों से अनुसेवक, ड्राइवर, कंप्यूटर ऑपरेटर और अन्य पदों पर कार्यरत हैं, लेकिन आज तक उनका नियमितीकरण नहीं किया गया। इस संबंध में उन्होंने कई बार वरीय अधिकारियों को अपनी समस्या से अवगत कराया, लेकिन समाधान नहीं निकला।
कोर्ट के आदेश के बावजूद नहीं हुआ नियमितीकरण
संविदा कर्मियों ने झारखंड उच्च न्यायालय, रांची में नियमितीकरण के लिए याचिका दायर की थी, जिस पर सितंबर 2021 में कोर्ट ने सभी कर्मियों को नियमित करने का आदेश दिया था। लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने केवल एक कर्मी शुभंकर कुमार को नियमित किया, जो साहेबगंज कृषि विज्ञान केंद्र में कार्यरत था।
योग्य होते हुए भी नहीं हुआ चयन
कर्मियों ने बताया कि 27 डिग्री धारक संविदा कर्मियों में से जब कृषि विश्वविद्यालय ने 16 सहायक पदों के लिए भर्ती निकाली, तो उनमें से केवल 2 संविदा कर्मी और 6 दैनिक वेतन भोगी कर्मियों ने साक्षात्कार दिया। 31 जनवरी 2025 को जारी परिणाम में इनमें से किसी का भी चयन नहीं हुआ।
27 फरवरी से तालाबंदी की चेतावनी
संविदा कर्मियों का कहना है कि अगर उनकी मांगों पर विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता है, तो वे 27 फरवरी से कृषि विज्ञान केंद्र में तालाबंदी करेंगे।
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