
हाइलाइट्स :
- 27 संविदा कर्मियों को नियमित नहीं करने पर कृषि विज्ञान केंद्र गढ़वा में तालाबंदी।
- बिरसा कृषि विश्वविद्यालय प्रशासन को 17 फरवरी को दी गई थी चेतावनी।
- 16 सहायक बहाल हुए, लेकिन संविदा और दैनिक वेतन भोगी कर्मियों को मौका नहीं मिला।
- 21 वर्षों से संविदा कर्मी और 12 वर्षों से दैनिक वेतन भोगी कर रहे हैं सेवा।
तालाबंदी के पीछे क्या है कारण?
गढ़वा में कृषि विज्ञान केंद्र के संविदा कर्मियों और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों ने 27 फरवरी 2025 से तालाबंदी कर दी। कर्मचारियों का कहना है कि बिरसा कृषि विश्वविद्यालय प्रशासन को 17 फरवरी 2025 को सूचना दी गई थी।
- इसमें स्पष्ट किया गया था कि अगर 8 दिनों के भीतर 27 संविदा कर्मियों को नियमित नहीं किया गया, तो तालाबंदी होगी।
- विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा 16 सहायक बहाल किए गए, लेकिन इनमें एक भी संविदा कर्मी या दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी शामिल नहीं है।
- संविदा कर्मी 21 वर्षों से और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी 12 वर्षों से सेवा दे रहे हैं, लेकिन अब तक उन्हें स्थायी नहीं किया गया।
वैज्ञानिक सह प्रधान ने भी दिया लिखित पत्र
कृषि विज्ञान केंद्र गढ़वा के वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान ने भी विश्वविद्यालय प्रशासन को लिखित रूप में जानकारी दी है। कर्मचारियों की नाराजगी बढ़ रही है और अब प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए आंदोलन तेज किया जा सकता है।

क्या होगा आगे? ‘न्यूज़ देखो’ की नज़र
संविदा कर्मियों की मांग जायज है या प्रशासन का फैसला उचित? यह देखना बाकी है। क्या विश्वविद्यालय प्रशासन इस मुद्दे पर जल्द फैसला लेगा या विरोध और उग्र होगा? ‘न्यूज़ देखो’ इस मामले पर पूरी नजर बनाए रखेगा और हर अपडेट आप तक पहुंचाएगा।