
#गढ़वा #मनरेगा_जांच : रारो गांव में योजनाओं में गड़बड़ी की शिकायत पर लोकपाल सुशील तिवारी ने मौके पर जाकर स्थलीय सत्यापन किया
- रारो गांव में मनरेगा योजनाओं में गड़बड़ी की शिकायत पर लोकपाल ने स्थलीय निरीक्षण किया।
- शिकायतकर्ता धर्मेंद्र यादव का आरोप कि बिना काम किए ही योजनाओं की राशि निकाल ली गई।
- लोकपाल सुशील तिवारी ने डोभा और कूप निर्माण कार्य का स्थलीय सत्यापन किया।
- योजनाओं की स्थिति का बारीकी से अवलोकन करते हुए सभी तथ्यों को दर्ज किया गया।
- लोकपाल ने कहा कि सभी बिंदुओं की गहन पड़ताल की जाएगी और अनियमित पाए जाने पर कार्रवाई होगी।
- ग्रामीणों ने बताया कि वास्तविक लाभुकों को मनरेगा के लाभ से वंचित किया जा रहा।
डंडई प्रखंड के रारो गांव में मनरेगा योजनाओं के कामकाज में संभावित गड़बड़ी के आरोप सामने आने के बाद लोकपाल सुशील तिवारी ने मौके पर जाकर स्थलीय निरीक्षण किया। शिकायतकर्ता धर्मेंद्र यादव ने बताया कि कुछ योजनाओं की राशि बिना काम किए ही निकाल ली गई है, जिससे वास्तविक मजदूर लाभ से वंचित हो रहे हैं।
योजनाओं का निरीक्षण और सत्यापन
लोकपाल सुशील तिवारी ने गांव में जाकर उमेश यादव से संबंधित डोभा और कूप निर्माण कार्य का स्थलीय सत्यापन किया। उन्होंने योजनाओं की स्थिति का बारीकी से अवलोकन किया और आवश्यक तथ्यों को रिकॉर्ड किया। लोकपाल ने कहा कि शिकायत की गंभीरता को देखते हुए जांच जारी है और जांच पूरी होने के बाद ही आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।
सुशील तिवारी ने कहा: “योजनाओं से संबंधित सभी बिंदुओं की गहन पड़ताल की जाएगी ताकि यदि किसी स्तर पर अनियमितता पाई जाती है, तो दोषियों पर कार्रवाई सुनिश्चित हो।”
शिकायतकर्ता का आरोप
शिकायतकर्ता धर्मेंद्र यादव ने आरोप लगाया कि ग्राम स्तर पर बिना काम किए ही योजना की राशि का भुगतान किया गया। उनका कहना है कि इससे वास्तविक लाभुक वंचित हो रहे हैं। उन्होंने लोकपाल से अपील की कि मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएं।
मनरेगा योजना का उद्देश्य और पारदर्शिता
ग्रामीण क्षेत्र में मनरेगा योजना का उद्देश्य मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराना और सामाजिक विकास को बढ़ावा देना है। यदि बिना काम किए ही राशि निकासी की बातें सामने आती हैं, तो यह योजना की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा करती है।

न्यूज़ देखो: ग्रामीण योजनाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की पहल
यह मामला दिखाता है कि ग्रामीण विकास योजनाओं में समय-समय पर जांच और निगरानी आवश्यक है। लोकपाल की सक्रियता से यह सुनिश्चित होगा कि योजनाओं का लाभ वास्तविक लाभुकों तक पहुंचे और किसी प्रकार की अनियमितता बर्दाश्त न की जाए।
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ग्रामीणों के अधिकारों की रक्षा में सक्रिय रहें
सभी नागरिकों को चाहिए कि वे सरकारी योजनाओं की सही दिशा में निगरानी करें और अनियमितताओं की जानकारी संबंधित अधिकारियों तक पहुंचाएं। अपनी राय साझा करें, जागरूकता फैलाएं और ग्रामीण विकास में सकारात्मक योगदान दें।