गढ़वा के चिनिया मोड़ स्थित मां काली मंदिर प्रांगण में चल रहे श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ के तीसरे दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई। शुक्रवार को पूरे आयोजन स्थल का वातावरण भक्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर था।
संगीतमय प्रवचन और भक्ति का रसपान
सुप्रसिद्ध मानस प्रवक्ता डा. दीपक त्रिपाठी ने अपने संगीतमय प्रवचनों से राम विवाह का सुंदर वर्णन किया। उनके भजन और कीर्तन ने श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया।
जगद्गुरु स्वामी दामोदर प्रपन्नाचार्य जी ने अपने प्रवचन में यज्ञ के महत्व पर प्रकाश डालते हुए इसे भगवान विष्णु का स्वरूप बताया। उन्होंने कहा, “यज्ञ संसार को जोड़ने वाला कर्मकांड है।”
यज्ञशाला की परिक्रमा और श्रद्धालुओं की भागीदारी
- यज्ञशाला की परिक्रमा के लिए विशेष रूप से महिलाओं की भारी भीड़ उमड़ी।
- श्रद्धालु सुबह से यज्ञशाला पहुंचकर वैदिक मंत्रोच्चार और संतों के उपदेश सुनने में व्यस्त रहे।
मंदिर प्रांगण का अलौकिक दृश्य
- मंदिर को रंगीन लाइटों और फूलों से सजाया गया है।
- आयोजन में स्थानीय और आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं।
आयोजन का महत्व
महायज्ञ के आयोजकों का कहना है कि यह धार्मिक आयोजन न केवल गढ़वा में भक्तिमय वातावरण बना रहा है, बल्कि सांस्कृतिक और धार्मिक एकता का संदेश भी फैला रहा है। आगामी दिनों में श्रद्धालुओं की संख्या और बढ़ने की संभावना है।
महायज्ञ के तीसरे दिन श्रद्धालुओं ने न केवल भक्ति का आनंद लिया बल्कि समाज में एकजुटता का संदेश भी महसूस किया।