गढ़वा: झारखंड प्रदेश आंगनबाड़ी वर्कर्स यूनियन के बैनर तले जिले की आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका ने अपनी दो सूत्रीय मांगों को लेकर समाहरणालय के सामने एक दिवसीय भूख हड़ताल किया। आंदोलन में दर्जनों सेविकाओं ने भाग लिया और विभागीय उदासीनता पर नाराजगी जताई।
मांगें और आरोप:
- मानदेय में वृद्धि का भुगतान:
सेविकाओं के मानदेय में प्रतिवर्ष ₹500 और सहायिकाओं के मानदेय में ₹250 की बढ़ोतरी की मांग की गई थी। यह भुगतान जुलाई से लंबित है। - पोषण ट्रैकर के नाम पर कटौती:
सेविकाओं का आरोप है कि पोषण ट्रैकर के नाम पर मानदेय में अनुचित कटौती की जा रही है। - केंद्रीय मानदेय बकाया:
सेविकाओं ने केंद्रीय मानदेय के महीनों से बकाया होने की शिकायत की और इसके तुरंत भुगतान की मांग की।
भूख हड़ताल पर बयान:
यूनियन के कार्यकारी अध्यक्ष बालमुकुंद सिंह ने कहा कि पिछले 17 महीनों से विभाग ने उनकी समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं दिया है। जब तक विभाग लिखित आश्वासन नहीं देता, हड़ताल जारी रहेगी।
प्रदेश अध्यक्ष बीना सिन्हा और प्रदेश संयोजक रामचंद्र पासवान ने भी सेविकाओं की मांगों को जायज बताते हुए विभागीय लापरवाही की आलोचना की।
उपस्थित प्रमुख प्रतिनिधि:
- जिला अध्यक्ष: कौशल्या देवी
- प्रखंड अध्यक्ष: निभा सिंह (कांडी), अनीता पांडे (मेराल), बिंदा देवी (गढ़वा)
- अनुमंडल अध्यक्ष: जमीला खातून
- अन्य सेविकाएं: दिलवंती पन्ना, सरिता सिंह खरवार
आंदोलन का प्रभाव:
इस प्रदर्शन ने जिला प्रशासन और समाज कल्याण विभाग पर दबाव बढ़ा दिया है। सेविकाओं ने स्पष्ट किया है कि वे अपनी मांगों के पूरा होने तक आंदोलन खत्म नहीं करेंगी।
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