- उपायुक्त शेखर जमुआर ने नीति आयोग के 49 प्रमुख इंडिकेटर पर समीक्षा की।
- स्वास्थ्य, शिक्षा, और कृषि क्षेत्र में सुधार हेतु विशेष निर्देश।
- गर्भवती महिलाओं की देखभाल और बच्चों के पूर्ण टीकाकरण पर जोर।
- सॉयल हेल्थ कार्ड और पोषण योजनाओं में तेजी लाने का निर्देश।
- डेल्टा रैंकिंग में सुधार के लिए सभी विभागों को समन्वय से कार्य करने की सलाह।
गढ़वा: समाहरणालय गढ़वा स्थित सभागार में उपायुक्त शेखर जमुआर की अध्यक्षता में नीति आयोग के इंडिकेटरों को लेकर समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में स्वास्थ्य, शिक्षा, और कृषि के क्षेत्र में सुधार लाने के लिए विशेष निर्देश दिए गए।
स्वास्थ्य क्षेत्र पर निर्देश
उपायुक्त ने गर्भवती महिलाओं के ANC रजिस्ट्रेशन, पूर्ण टीकाकरण, इंस्टीट्यूशनल डिलीवरी, और सेक्स रेश्यो जैसे महत्वपूर्ण सूचकांकों पर फोकस करने को कहा। उन्होंने सिविल सर्जन को नियमित मॉनिटरिंग और जनजागरूकता अभियान चलाने का निर्देश दिया।
शिक्षा क्षेत्र की समीक्षा
शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि विद्यालयों में पेयजल, विद्युतीकरण, और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित करने, साइकिल वितरण, और टेक्स्टबुक वितरण जैसे कार्यों पर भी विशेष ध्यान दिया गया।
कृषि और अन्य योजनाओं पर चर्चा
कृषि विभाग को सॉयल हेल्थ कार्ड, माइक्रो और डीप इरिगेशन, तथा फसल बीमा योजनाओं पर तेजी से कार्य करने का निर्देश दिया गया। पेयजल और स्वच्छता विभाग ने कचरा उठाव के लिए खरीदे गए वाहनों के कार्यान्वयन की जानकारी दी।
डेल्टा रैंकिंग में सुधार का लक्ष्य
बैठक में उपायुक्त ने कहा कि नीति आयोग के डेल्टा रैंकिंग में सुधार के लिए लो परफॉर्मिंग इंडिकेटर्स पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है। सभी विभागों को समन्वय से कार्य करने और समय पर योजनाओं को पूरा करने की सलाह दी गई।
विश्लेषण: इन विभाजनों का महत्व
स्वास्थ्य, शिक्षा, और कृषि के क्षेत्र में सुधार न केवल जिला रैंकिंग को बेहतर बनाएगा, बल्कि नागरिकों की जीवन गुणवत्ता में सुधार भी सुनिश्चित करेगा।
- स्वास्थ्य: ANC रजिस्ट्रेशन और पूर्ण टीकाकरण जैसे उपाय मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करने में मदद करते हैं। आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं का सही कार्यान्वयन गरीब परिवारों को स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच प्रदान करता है।
- शिक्षा: बुनियादी सुविधाओं जैसे पेयजल, शौचालय, और बिजली की उपलब्धता बच्चों की नियमित उपस्थिति को बढ़ाती है। साइकिल और पाठ्यपुस्तकों का वितरण शिक्षा तक समान पहुंच सुनिश्चित करता है।
- कृषि: सॉयल हेल्थ कार्ड और माइक्रो इरिगेशन जैसी योजनाएं किसानों की उत्पादकता और आय बढ़ाने में मददगार हैं, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है।
इन उपायों का सामूहिक प्रभाव सामाजिक-आर्थिक सुधार लाने में मदद करेगा और जिले को विकास के एक नए पायदान पर ले जाएगा।
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