#गढ़वा #वृद्धा_पेंशन #विधवा_विकलांग_पेंशन – झारखंड की जनता के धैर्य की परीक्षा ले रही है हेमंत सरकार, भाजपा का तीखा वार
- भाजपा मीडिया प्रभारी रितेश चौबे ने झामुमो सरकार पर लगाए जनविरोधी नीतियों के आरोप
- वृद्धा, विधवा और विकलांग पेंशन तीन माह से बंद, जरूरतमंदों में हाहाकार
- मंईया सम्मान योजना को लेकर वादाखिलाफी के गंभीर आरोप
- वृद्धों और विकलांगों की हालत दयनीय, कार्यालयों के चक्कर लगाते थक चुके हैं लोग
- पांच हजार रुपये मासिक पेंशन देने की मांग को लेकर बढ़ी सियासी सरगर्मी
- गढ़वा समेत पूरे झारखंड में जनता त्राहिमाम कर रही है, भाजपा ने सरकार को घेरा
रितेश चौबे का तीखा प्रहार: जनता को बुनियादी जरूरतों से वंचित कर रही सरकार
गढ़वा में भाजपा जिला मीडिया प्रभारी रितेश चौबे ने झामुमो सरकार पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि हेमंत सोरेन सरकार जनता की बुनियादी जरूरतों की अनदेखी कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि वृद्धा, विधवा और विकलांग पेंशन तीन महीनों से बंद है, जिससे जरूरतमंदों को दवा, भोजन और वस्त्र जैसी आवश्यकताओं की पूर्ति में गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
“गढ़वा सहित पूरे झारखंड में पेंशन पर निर्भर लोग आफिसों के चक्कर काटते-काटते थक चुके हैं, लेकिन सरकार का दिल नहीं पसीज रहा।” — रितेश चौबे
उन्होंने कहा कि जो लोग इस सहायता पर निर्भर थे, उनके जीवन में अब अंधकार छा गया है, लेकिन सत्ता में बैठी सरकार को जनता के दुख-दर्द से कोई मतलब नहीं रह गया है।
मंईया सम्मान योजना: वादाखिलाफी का नया उदाहरण
रितेश चौबे ने मंईया सम्मान योजना को लेकर भी सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि चुनाव के समय महिलाओं से बड़े-बड़े वादे किए गए थे कि सभी को योजना का लाभ मिलेगा, लेकिन सत्ता में आने के बाद झामुमो सरकार ने अपने वादे से मुंह मोड़ लिया।
“महिलाओं के सम्मान और सहायता के नाम पर झूठे वादे कर सत्ता में आने वाली सरकार अब उन्हीं वादों को भूल चुकी है।” — रितेश चौबे
उन्होंने सवाल उठाया कि जब मंईया सम्मान योजना के तहत 2500 रुपये की राशि बांटी जा सकती है, तो फिर वृद्धा, विधवा और विकलांग पेंशन पांच हजार रुपये प्रतिमाह क्यों नहीं दिया जा सकता?
गढ़वा और झारखंड में जनता की हालत गंभीर
गढ़वा ही नहीं, बल्कि पूरे झारखंड में जरूरतमंद जनता की हालत दयनीय बनी हुई है। रितेश चौबे ने कहा कि पेंशन बंद होने के कारण कई वृद्ध और विकलांग अब भुखमरी की कगार पर पहुँच गए हैं। प्रशासनिक तंत्र की निष्क्रियता और संवेदनहीनता पर भी उन्होंने सवाल खड़े किए हैं।
वृद्धा, विधवा और विकलांग पेंशन जैसी कल्याणकारी योजनाओं का बंद हो जाना गरीब जनता के लिए किसी आपदा से कम नहीं है। भाजपा ने मांग की है कि सरकार तत्काल इस संकट का समाधान करे और पेंशन राशि बढ़ाकर कम से कम 5000 रुपये प्रति माह निर्धारित करे।
भाजपा की मांग: पेंशन योजना में सुधार और तत्काल भुगतान
भाजपा ने स्पष्ट शब्दों में सरकार से मांग की है कि बंद पड़ी वृद्धा, विधवा और विकलांग पेंशन योजना को तुरंत बहाल किया जाए और लंबित सभी लाभार्थियों को अविलंब भुगतान किया जाए। साथ ही, पेंशन राशि में बढ़ोतरी कर गरीबों को राहत दी जाए।
“पेंशन योजना को पुनः चालू कर वृद्ध, विधवा और विकलांग लाभार्थियों को उनका अधिकार दिलाना सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है।” — रितेश चौबे
सरकार अगर समय पर कार्रवाई नहीं करती है तो भाजपा द्वारा बड़े स्तर पर आंदोलन किए जाने की चेतावनी भी दी गई है।
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