Garhwa

गढ़वा में हाथी और भालू के बाद अब बाघ का आतंक, गाय का शिकार कर पहुंचा PTR; मिले फुटमार्क

गढ़वा : झारखंड के गढ़वा जिले से एक सनसनीखेज खबर सामने आ रही है। यहां जिले के दक्षिणी वन क्षेत्र में हाथी और भालू के आतंक के बाद अब टाइगर ने अपनी दस्तक दी है। मिली जानकारी के मुताबिक, बड़गड़ थाना क्षेत्र के बहेराखांड़ में पिछले दिनों गाय का शिकार करने के बाद बाघ PTR (पलामू टाइगर रिजर्व) पहुंच गया है। टाइगर भंडरिया क्षेत्र के जंगलों से होते हुए कोयल नदी पार कर पलामू टाइगर रिजर्व के एरिया में पहुंचा है। वहीं, स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि बीती रात बाघ को भंडरिया इलाके के जंगल में देखा गया है। इस कारण हाथी और भालू के आतंक से परेशान रमकंडा, भंडरिया और बड़गड़ क्षेत्र के जंगलों में बाघ के आने से पूरे इलाके में दहशत का माहौल बन गया है।

गाय का क्षत-विक्षत शव देख ग्रामीणें ने किया वन विभाग को सूचित

बताया जा रहा है कि 13 नवंबर की रात बाघ ने बहेराखांड़ के रहने वाले शिवकुमार सिंह की गाय का शिकार किया था। बाघ ने गाय के शव के कुछ हिस्से को जंगल में ही छोड़ दिया था। ऐसे में जब सुबह जंगल में मवेशी चराने गये ग्रामीणों ने गाय का क्षत-विक्षत शव देखा। तो इसकी जानकारी वन विभाग को दी। इसके बाद भंडरिया वन क्षेत्र के अधिकारियों ने मामले की जांच की। इसमें पुष्टि हुई कि बाघ ने गाय का शिकार किया है।

क्षेत्र में फैला है जंगली जानवरों का दहशत

गढ़वा DFO इबिन बेनी अब्राहम ने निर्देश दिया है कि इस हमले में पीड़ित को तत्काल 5 हजार रुपये का मुआवजा उपलब्ध कराया जाए। वहीं, उन्होंने बताया कि पिछले 3 महीनों के अंदर लगातार हाथियों के और भालू के जानलेवा हमले से इलाके के लोग काफी डरे हुए थे। ऐसे में अब बाघ आने की सूचना के बाद से पूरे क्षेत्र में दहशत फैल गया है। हालांकि बाघ आदमखोर नहीं है, इस कारण वन विभाग ने राहत की सांस ली है। बताया जा रहा है कि लोगों को बाघ के हमले से बचाने के लिये वन विभाग ने भंडरिया क्षेत्र के अलग-अलग गांवों में ध्वनि विस्तारक यंत्र से प्रचार प्रसार किया है। साथ ही लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है। वन विभाग ने लोगों को जंगलों में जाने से बचने की सलाह दी है।

पहले भी इलाके में पहुंचा था बाघ

बता दें कि इससे पहले पिछले साल मार्च के महीने में भी बाघ मध्यप्रदेश से होकर छत्तीसगढ़ के रास्ते भंडरिया क्षेत्र में पहुंचा था। इस दौरान 2 दिनों के अंदर टाइगर ने 3 शिकार किया था। उस समय भंडरिया थाना क्षेत्र के कुटुकु के जंगल से बाघ का गाय का शिकार करता हुआ वीडियो भी सामने आया था। ऐसे में लगातार दूसरे साल भी क्षेत्र में बाघ के आने से लोगों में दहशत का माहौल है। हालांकि, अभी तक बाघ आदमखोर नहीं हुआ है। जानकारी हो कि गढ़वा का दक्षिणी वन क्षेत्र छतीसगढ़ के सीमावर्ती बलरामपुर के जंगली क्षेत्रों के पास है। ऐसे में कनहर नदी पार कर हाथी और बाघ इस इलाके में पहुंच जाते हैं।

इलाके में मिले हैं नर बाघ के फुटमार्क

वहीं, पलामू टाइगर रिजर्व में बाघ के आने की जानकारी मिलने के बाद PTR रेंज के जंगलों में बाघ के पंजों के निशान मिले हैं। इस दौरान PTR के नार्थ डिप्टी डायरेक्टर प्रजेश कांत जेना ने नर बाघ के फुटमार्क मिलने की पुष्टि की है। प्रजेश ने बताया है कि छतीसगढ़ के कनहर नदी से आए नर बाघ की तस्वीर अब तक सामने नहीं आयी है। इस कारण अब तक पुष्टि नहीं हो पायी है कि PTR में पहुंचा बाघ पिछले साल वाला ही है या फिर दूसरा। जेना ने जानकारी दी कि कैमरा ट्रैप से बाघ की निगरानी की जा रही है।

आगे पढ़िए...
नीचे दिए बटन पर क्लिक करके हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button