
#गढ़वा #कॉफीविथएसडीएम — होटल संचालकों के साथ खुले मंच पर संवाद, टूरिज्म और सुरक्षा को लेकर दिए अहम निर्देश
- एसडीएम संजय कुमार ने होटल व्यवसायियों से की खुली चर्चा, रखे कई अहम सुझाव
- गढ़वा के सभी प्रमुख होटल संचालक पहली बार एक मंच पर आए
- सुरक्षा नियमों, सीसीटीवी और अग्निशमन यंत्रों की अनिवार्यता पर दिया गया जोर
- झारखंड टूरिज्म से पंजीकरण और गढ़वा के पर्यटन स्थलों को प्रमोट करने का सुझाव
- स्वच्छता, ट्रैफिक जाम और स्टाफ ट्रेनिंग से जुड़ी समस्याओं पर भी हुई चर्चा
- पर्यटन विभाग और नगर परिषद के अधिकारी भी संवाद में हुए शामिल
संवाद से जुड़ा प्रशासनिक नवाचार: ‘कॉफी विद एसडीएम’
गढ़वा अनुमंडल के एसडीएम संजय कुमार द्वारा चलाया जा रहा साप्ताहिक कार्यक्रम “कॉफी विद एसडीएम” अब प्रशासन और व्यवसायियों के बीच विश्वास और भागीदारी का नया प्लेटफॉर्म बन चुका है। मंगलवार को आयोजित ताजा संस्करण में होटल व्यवसायियों के साथ अनौपचारिक संवाद हुआ, जिसमें सुरक्षा, स्वच्छता और पर्यटन जैसे विषयों पर विस्तृत चर्चा की गई।
इस कार्यक्रम में नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी सुशील कुमार, जिला पर्यटन विशेषज्ञ पुष्कर गुप्ता, संदीप कुमार और गौरव कुमार सहित अनेक होटल संचालक शामिल हुए।
गढ़वा के होटल व्यवसायियों ने साझा की समस्याएं और समाधान
इस संवाद कार्यक्रम की खास बात यह रही कि गढ़वा के होटल व्यवसाय से जुड़े लगभग सभी प्रमुख लोग एक मंच पर जुटे।
होटल महाराजा पैलेस के संचालक प्रकाश कुमार ने मझिआंव मोड़ पर टेंपो और टोटो चालकों के कारण लगने वाले जाम की शिकायत रखी, जिस पर एसडीएम ने कार्यपालक पदाधिकारी को ट्रैफिक प्रबंधन सुधारने के निर्देश दिए। इसके अलावा, स्वच्छता की स्थिति, सड़क किनारे अतिक्रमण जैसी समस्याएं भी उठाईं गईं, जिन पर प्रशासन ने शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन दिया।
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए होटल का सहयोग ज़रूरी
एसडीएम ने होटल संचालकों से अपील की कि वे झारखंड पर्यटन विभाग से पंजीकरण कराएं। इससे होटल की विश्वसनीयता बढ़ेगी और सरकार की योजनाओं का सीधा लाभ भी मिलेगा।
“टूरिज्म डिपार्टमेंट से पंजीकरण होटल प्रोफाइल को न केवल बेहतर बनाता है, बल्कि ग्राहकों में भरोसा भी बढ़ाता है।”
— संजय कुमार, एसडीएम गढ़वा
उन्होंने सभी होटल मालिकों से आग्रह किया कि वे अपने परिसर में गढ़वा के पर्यटन स्थलों जैसे सुखल्दरी, अन्नराज डैम, खजूरी डैम, बंशीधर मंदिर, गढ़ देवी मंदिर आदि के फोटो और विवरण के साथ प्रदर्शनी लगाएं ताकि बाहर से आने वाले पर्यटकों को गढ़वा के बारे में जानकारी मिले और स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा मिले।
सुरक्षा मानकों पर विशेष बल, हर होटल में जरूरी हैं अग्निशमन यंत्र और सीसीटीवी
एसडीएम ने होटल संचालन में सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का आग्रह किया। सभी होटल संचालकों को निर्देशित किया गया कि वे प्रत्येक ग्राहक की पहचान के लिए आईडी का रिकॉर्ड रखें और समय-समय पर स्थानीय थाने से जानकारी साझा करें।
“होटल व्यवसाय विधि व्यवस्था में प्रशासन के विश्वसनीय सहयोगी हो सकते हैं। सुरक्षा नियमों का पालन अनिवार्य है।”
— संजय कुमार, एसडीएम गढ़वा
साथ ही सीसीटीवी कैमरे पर्याप्त स्टोरेज के साथ लगाने, प्रवेश द्वार और बाहरी मार्ग को कवर करने वाले कैमरे लगाने तथा अग्निशमन यंत्रों की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा गया।
स्टाफ को टूरिज्म डिपार्टमेंट से दिलवाई जा सकती है प्रोफेशनल ट्रेनिंग
जो होटल संचालक अपने स्टाफ को बेहतर ग्राहक सेवा और संचालन के लिए प्रशिक्षित करना चाहते हैं, उन्हें झारखंड पर्यटन विभाग के माध्यम से मुफ्त ट्रेनिंग उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए जिला पर्यटन कार्यालय से संपर्क करने की सलाह दी गई।
होटल व्यवसायियों की एकजुटता बनी संवाद की बड़ी उपलब्धि
होटल पद्मावत के संचालक राघवेंद्र नारायण सिंह और तिवारी रेस्ट हाउस के संचालक उमाकांत तिवारी ने बताया कि यह पहला अवसर है जब सभी होटल व्यवसायी एकजुट हुए हैं।
उन्होंने कहा कि इस पहल से प्रेरणा लेकर वे आगे भी अपने स्तर पर बैठकें आयोजित करेंगे, जिससे गढ़वा के होटल व्यवसाय को एक नई दिशा मिलेगी।



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