गढ़वा जिले के रंका प्रखंड के कटरा पंचायत स्थित कर्री गांव में जंगली हाथियों ने बीती रात भारी उत्पात मचाया। लगभग 15 से 20 हाथियों के झुंड ने घरों को ध्वस्त कर दिया, अनाज खा गए और खेतों में खड़ी फसलों को बर्बाद कर दिया।
ग्रामीणों का संघर्ष
ग्रामीणों ने बताया कि रात करीब 11 बजे हाथियों का झुंड गांव में घुस आया। हाथियों की गर्जना से पूरे गांव में भय का माहौल बन गया। वीरेंद्र कोरवा की पत्नी सुनीता देवी ने बताया कि हाथियों ने उनके घर में रखा पांच बोरा धान और दो बोरा चावल खा लिया। साथ ही खेतों में लगे मडुआ और धान की फसलों को पूरी तरह बर्बाद कर दिया।
डरे-सहमे ग्रामीणों ने किसी तरह आग जलाकर हाथियों को भगाने की कोशिश की। गांव के लोग पूरी रात जागकर हाथियों से अपना बचाव करते रहे। हाथियों का यह उत्पात सुबह चार बजे जाकर खत्म हुआ, जब वे जंगल की ओर लौट गए।
मुआवजे का इंतजार
ग्रामीण जीतू सिंह ने बताया कि हाथियों ने पहले भी चार-पांच महीने पहले इसी तरह फसल और घरों को नुकसान पहुंचाया था। हालांकि, अब तक उन्हें इसका मुआवजा नहीं मिल पाया है। बार-बार हाथियों के हमले से गांव वालों में डर का माहौल है।
प्रशासन से मदद की गुहार
ग्रामीणों ने प्रशासन से जल्द से जल्द मुआवजा देने और हाथियों को गांव से दूर रखने के लिए उचित कदम उठाने की मांग की है। उनका कहना है कि लगातार हो रहे इन हमलों से उनकी आजीविका बर्बाद हो रही है, और फसलों के नुकसान की भरपाई के बिना वे आगे की खेती करने में सक्षम नहीं हैं।
स्थिति पर नियंत्रण आवश्यक
पिछले कुछ महीनों से गढ़वा और आसपास के इलाकों में जंगली हाथियों का आतंक बढ़ गया है। वन विभाग और स्थानीय प्रशासन को इस पर जल्द कदम उठाने की जरूरत है, ताकि ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और उनकी आजीविका बचाई जा सके।