
हाइलाइट्स :
- झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता धीरज दुबे ने खुद पर लगे आरोपों को बताया षड्यंत्र
- 60 वर्षीय परित्यक्ता महिला के माध्यम से फर्जी मुकदमा दर्ज कराने का आरोप
- महिला के भतीजे पर राष्ट्रीय पार्टी से जुड़े होने का लगाया गया संदेह
- जल्द सीडीआर निकालकर मुख्य षड्यंत्रकारी को बेनकाब करने की बात कही
- सीसीटीवी फुटेज की जांच और न्यायिक जांच की मांग
धीरज दुबे ने फर्जी मुकदमे को बताया राजनीतिक साजिश
गढ़वा में झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता धीरज दुबे ने अपने ऊपर दर्ज फर्जी मुकदमे को गहरी राजनीतिक साजिश बताया है। उन्होंने कहा कि एक 60 वर्षीय परित्यक्ता महिला, जो अपने मायके में रहती हैं और अपने भाई-भतीजों पर निर्भर हैं, का इस्तेमाल मेरे खिलाफ साजिश के तहत किया गया है।
धीरज दुबे ने कहा:
“स्थानीय लोगों से जानकारी मिली है कि उक्त महिला का भतीजा एक राष्ट्रीय पार्टी का सक्रिय कार्यकर्ता है। भोजन और भरण-पोषण के बदले उस महिला पर दबाव बनाकर मेरे खिलाफ केस दर्ज कराया गया है।”
जल्द होगा षड्यंत्रकारी का पर्दाफाश
धीरज दुबे ने कहा कि इस पूरे षड्यंत्र के पीछे कुछ बड़े राजनीतिक चेहरों का हाथ हो सकता है। उन्होंने जल्द ही न्यायालय के माध्यम से शिकायतकर्ता के परिवार का मोबाइल सीडीआर निकलवाकर सच्चाई सामने लाने की बात कही है।
“मेरे पास खुद को निर्दोष साबित करने के लिए रिकॉर्डिंग समेत पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं।”
पुलिस प्रशासन से की जांच की अपील
धीरज दुबे ने पुलिस प्रशासन से आग्रह किया है कि वर्णित घटनास्थल का सीसीटीवी फुटेज संग्रह किया जाए, ताकि सच और झूठ का खुलासा हो सके।
सीआईडी और सीबीआई जांच की तैयारी
धीरज दुबे ने कहा कि जो लोग यह सोचते हैं कि फर्जी मुकदमे और लोभ-लालच देकर मेरी आवाज दबा देंगे, उन्हें गलत साबित करने के लिए मैं आवश्यकता पड़ने पर सीआईडी, सीबीआई और न्यायिक जांच की ओर भी आगे बढ़ूंगा।
‘न्यूज़ देखो’ की विशेष नजर: क्या साजिश का सच सामने आएगा?
गढ़वा में इस मामले ने राजनीति में हलचल मचा दी है। क्या धीरज दुबे के दावों के अनुसार सच सामने आएगा? क्या पुलिस प्रशासन निष्पक्ष जांच कर पाएगा?
‘न्यूज़ देखो’ इस पूरे मामले पर नजर बनाए रखेगा। आप इस मुद्दे पर अपनी राय कमेंट बॉक्स में जरूर साझा करें।
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