Garhwa

गढ़वा में मत्स्य पालन को नई उड़ान, अन्नराज डैम पर केज कल्चर योजना से मिलेगा बड़ा लाभ

Join News देखो WhatsApp Channel

हाइलाइट्स :

  • गढ़वा जिला में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए बड़ा कदम
  • उपायुक्त शेखर जमुआर ने अन्नराज डैम का किया निरीक्षण
  • केज कल्चर योजना से स्थानीय लोगों को रोजगार और आर्थिक लाभ
  • भदुआ समूह और ओबरा समूह के 50 सदस्य मत्स्य पालन से जुड़े
  • चिनिया और मझिआँव प्रखंड में भी योजना को दी जा रही मजबूती

उपायुक्त की पहल से मत्स्य पालन को बढ़ावा

गढ़वा जिला दण्डाधिकारी-सह-उपायुक्त शेखर जमुआर की वैश्विक सोच और दूरदृष्टि से गढ़वा जिला मत्स्य पालन के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। शुक्रवार को उपायुक्त ने अन्नराज डैम का निरीक्षण किया और वहां पूर्व में शुरू की गई केज कल्चर योजना का जायजा लिया। उन्होंने मत्स्य पालकों से बातचीत कर उन्हें इस योजना का अधिकतम लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया।

केज कल्चर योजना का उद्देश्य

अन्नराज डैम में अनाबद्ध निधि योजना अंतर्गत केज कल्चर योजना का उद्देश्य है — स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराना, उनकी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बनाना, जिले को मत्स्य उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना, स्थानीय स्तर पर लोगों को उचित दर पर ताजी मछली उपलब्ध कराना, और पर्यटन को बढ़ावा देना।

रोजगार और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम

उपायुक्त शेखर जमुआर ने बताया कि केज कल्चर योजना के तहत स्थिर जल स्रोतों में पिंजरे लगाकर छोटी मछलियों को बड़ा कर बेचा जाता है। इससे रोजगार के अवसर, आर्थिक उन्नति, पलायन रोकथाम, और पर्यटन के लिए नया आकर्षण पैदा हो रहा है। इस योजना के तहत भदुआ समूह एवं ओबरा समूह के रूप में दो समितियां गठित की गई हैं, जिनमें करीब 50 सदस्य जुड़े हुए हैं।

प्रशिक्षण और प्रोत्साहन

जिला मत्स्य पदाधिकारी धनराज आर. कापसे द्वारा अन्नराज डैम में स्थानीय विस्थापितों को योजना की जानकारी देकर प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के बाद समिति के सदस्यों ने खुद को मत्स्य पालन में संगठित किया। उनकी मेहनत और सफलता को देखते हुए उन्हें मोटरसाइकिल, स्पॉन, फीड और जाल जैसे संसाधन अनुदान पर प्रदान किए गए।

आत्मनिर्भरता की ओर ग्रामीण समाज

समूह के सभी सदस्य पलायन छोड़कर अब केज मत्स्य पालन से जुड़े हैं और नियमित आय प्राप्त कर रहे हैं। यह पहल ग्रामीणों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बना रही है और स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध करवा रही है।

योजना का विस्तार

गढ़वा जिला प्रशासन का सपना है कि हर किसान और उनके बच्चे शिक्षित होकर आर्थिक रूप से मजबूत बनें, बेरोजगारी से मुक्त हों और मत्स्य पालन जैसे क्षेत्रों में आगे बढ़ें। इसी क्रम में चिनिया प्रखंड के चिरका डैम में योजना सफलतापूर्वक चल रही है और मझिआँव प्रखंड के खजूरी डैम में भी स्वीकृति दी जा चुकी है। जल्द ही वहां भी काम शुरू होगा।

मत्स्य पालन की इस पहल पर ‘न्यूज़ देखो’ की नजर

क्या गढ़वा जिला के अन्य डैम और तालाबों में भी इस योजना का लाभ पहुँच पाएगा? क्या स्थानीय किसानों को और भी बेहतर संसाधन मिल सकेंगे? क्या मत्स्य पालन से पलायन रुक पाएगा? इन सभी सवालों पर ‘न्यूज़ देखो’ की सतत नजर बनी रहेगी। हम आपके लिए गढ़वा जिले के ग्रामीण विकास और रोजगार से जुड़ी हर खबर लाते रहेंगे, क्योंकि हर खबर पर रहेगी हमारी नज़र।

यह खबर आपके लिए कितनी महत्वपूर्ण थी?

रेटिंग देने के लिए किसी एक स्टार पर क्लिक करें!

इस खबर की औसत रेटिंग: 0 / 5. कुल वोट: 0

अभी तक कोई वोट नहीं! इस खबर को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

चूंकि आपने इस खबर को उपयोगी पाया...

हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें!

IMG-20250604-WA0023 (1)
IMG-20250610-WA0011
IMG-20251017-WA0018
IMG-20250925-WA0154
1000264265
IMG-20250723-WA0070
आगे पढ़िए...

नीचे दिए बटन पर क्लिक करके हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें


Related News

Back to top button
error: