- नई तकनीक: एफडीआर (फुल डेप्थ सिस्टम) से सड़क निर्माण।
- गिट्टी और पत्थर की जरूरत: नई प्रक्रिया में आवश्यकता नहीं।
- सड़क निर्माण सामग्री: पुराने सड़क के वेस्ट मैटेरियल का उपयोग।
- लक्ष्य: जिले में 250 किलोमीटर सड़क निर्माण।
- पर्यावरण संरक्षण: जंगल और पहाड़ बचाने की पहल।
गढ़वा जिले में सड़कों के निर्माण के लिए एफडीआर (फुल डेप्थ सिस्टम) नामक नई तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। इस तकनीक में पुरानी सड़कों के वेस्ट मैटेरियल को पुनः उपयोग में लाकर उच्च गुणवत्ता की सड़कें बनाई जा रही हैं।
गिट्टी और पत्थर की आवश्यकता खत्म
नई तकनीक के माध्यम से जर्मन मेड मशीन का उपयोग कर सड़क निर्माण किया जा रहा है। इस प्रक्रिया में पुरानी सड़कों को उखाड़कर उनके वेस्ट मैटेरियल को मशीन में मिक्स किया जाता है। इसके बाद इसमें सीमेंट और केमिकल मिलाकर सड़क तैयार की जाती है। इस तकनीक से गिट्टी और पत्थरों की जरूरत खत्म हो गई है, जिससे जंगलों और पहाड़ों की रक्षा हो रही है।
पर्यावरण संरक्षण की अनूठी पहल
ग्रामीण विकास विभाग के कार्यपालक अभियंता धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि इस तकनीक का उपयोग कर जिले में करीब 250 किलोमीटर सड़क बनाई जा रही है। गिट्टी और पत्थरों की जरूरत न होने से यह प्रक्रिया पर्यावरण के लिए बेहद अनुकूल साबित हो रही है।
कैसे बन रही है सड़क?
एफडीआर तकनीक के तहत पुरानी सड़कों को उखाड़कर वेस्ट मैटेरियल को सीमेंट और केमिकल के साथ मिक्स किया जाता है। इसके बाद इस मिश्रण को मशीन के जरिए नई सड़क में परिवर्तित किया जाता है। इस प्रक्रिया से न केवल निर्माण लागत घट रही है, बल्कि निर्माण की गुणवत्ता भी बेहतर हो रही है।
गढ़वा जिले में सड़कों के निर्माण की यह नई तकनीक पर्यावरण की रक्षा के साथ-साथ आधुनिक निर्माण की दिशा में एक बड़ी पहल है। ऐसे ही विकास की ताजा खबरों के लिए जुड़े रहें ‘न्यूज़ देखो’ के साथ।