Garhwa

गढ़वा में पहली बार शुरू हुआ निजी कंपोनेंट ब्लड बैंक, अब थैलेसीमिया मरीजों को मिलेगा तुरंत ब्लड

#गढ़वा #ब्लडबैंकउद्घाटन — स्वास्थ्य सुविधा में ऐतिहासिक पहल, रांची-बनारस की निर्भरता होगी खत्म

  • सरस्वती चिकित्सालय में 600 यूनिट क्षमता वाला कंपोनेंट ब्लड बैंक शुरू
  • ब्लड के सभी चार कंपोनेंट — प्लेटलेट्स, प्लाज्मा, RBC और WBC उपलब्ध
  • थैलेसीमिया व आपातकालीन मरीजों को अब दूसरे शहरों में नहीं जाना पड़ेगा
  • उद्घाटन समारोह में चिकित्सकों और समाजसेवियों ने लिया भाग
  • रक्तदान अभियान के साथ हुई शुरुआत, दर्जनों लोगों ने किया ब्लड डोनेट
  • इस सुविधा से गढ़वा का स्वास्थ्य ढांचा और मजबूत होगा

उद्घाटन समारोह में उमड़ी स्वास्थ्यप्रेमियों की भीड़

गढ़वा के रंका मोड़ स्थित सरस्वती चिकित्सालय में सोमवार, 21 अप्रैल को जिले के पहले निजी कंपोनेंट ब्लड बैंक का शुभारंभ किया गया। उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि डॉ. मुरली प्रसाद गुप्ता, समाजसेवी रविंद्र जायसवाल, डॉ. पतंजलि केसरी, डॉ. राकेश रंजन, भाजपा नेता मनीष गुप्ता और डॉ. संजय कुमार सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

उद्घाटन दीप प्रज्वलन और फीता काटने के साथ हुआ, जिसमें विशिष्ट अतिथि के रूप में दौलत सोनी, संतोष केसरी, अनिता दत्त, अंजली गुप्ता, कंचन जायसवाल व अन्य शामिल रहे। इस अवसर पर सभी अतिथियों को अंगवस्त्र और गुलदस्ते से सम्मानित किया गया।

गढ़वा को मिली चारों ब्लड कंपोनेंट की सुविधा

डॉ. संजय कुमार, निदेशक, सरस्वती चिकित्सालय ने जानकारी दी कि इस ब्लड बैंक में ब्लड स्टोरेज की 600 यूनिट क्षमता है और अब यहां प्लेटलेट्स, प्लाज्मा, रेड ब्लड सेल्स और व्हाइट ब्लड सेल्स सभी मिल सकेंगे।

“गढ़वा जैसे सीमावर्ती जिले में अब जीवन रक्षक ब्लड कंपोनेंट के लिए लोगों को रांची या बनारस नहीं जाना पड़ेगा। हम सभी चारों कंपोनेंट की सुविधा गढ़वा में उपलब्ध करा चुके हैं,”
डॉ. संजय कुमार

डॉ. मुरली प्रसाद गुप्ता ने कहा:

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“किसी भी शहर की समृद्ध स्वास्थ्य सेवा वहां के नागरिकों के जीवन की रक्षा करती है। कंपोनेंट ब्लड बैंक की शुरुआत गढ़वा में चिकित्सा क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगी।”

थैलेसीमिया रोगियों के लिए संजीवनी

डॉ. पतंजलि केसरी ने कहा कि इस सुविधा से उन सैकड़ों थैलेसीमिया रोगियों को राहत मिलेगी, जिन्हें हर सप्ताह ब्लड की आवश्यकता होती है। अब उन्हें आसपास के अस्पतालों में भटकना नहीं पड़ेगा।

“यह पहल गढ़वा के चिकित्सा इतिहास में पहली बार हो रही है। समाज के सहयोग से यह ब्लड बैंक जरूरतमंदों की सेवा का एक स्थायी केंद्र बनेगा,”
डॉ. पतंजलि केसरी

समाजसेवी रविंद्र जायसवाल ने इस पहल को ब्लड की किल्लत से जूझते परिवारों के लिए एक वरदान बताया और लोगों से नियमित रक्तदान की अपील की।

रक्तदान अभियान और संचालन व्यवस्था

उद्घाटन अवसर पर रक्तदान शिविर का भी आयोजन किया गया, जिसमें मनीष गुप्ता, बसंत गुप्ता, अभिषेक कश्यप, प्रमोद मेहता सहित कई लोगों ने ब्लड डोनेट किया।

ब्लड बैंक का संचालन सूरज कुमार गुप्ता और हीरा कुमार के द्वारा किया जाएगा, जिसमें श्वेता पांडे, अक्षय महतो, विश्वनाथ यादव, विक्रम ठाकुर जैसे प्रशिक्षित कर्मी तैनात रहेंगे।

स्वास्थ्य सेवा में नया अध्याय

गढ़वा जिला अब ब्लड कंपोनेंट की आवश्यकता में आत्मनिर्भर हो चुका है। अब गंभीर मरीजों को अन्य जिलों में रेफर करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, जिससे जान बचाने की संभावना अधिक हो सकेगी।

न्यूज़ देखो : ग्रामीण स्वास्थ्य संरचना को मिलेगी नई दिशा

न्यूज़ देखो की यह ख़ास रिपोर्ट गढ़वा जैसे जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की बदलती तस्वीर को सामने लाती है। कंपोनेंट ब्लड बैंक की यह शुरुआत न केवल चिकित्सा जगत की उपलब्धि है, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए जीवन रक्षक राहत है। ऐसे ही जमीनी बदलावों की पूरी जानकारी के लिए जुड़े रहिए न्यूज़ देखो के साथ — हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

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