- उपायुक्त शेखर जमुआर की अध्यक्षता में District Co-operative Development Committee (DCDC) और Joint Working Committee (JWC) की बैठक आयोजित।
- National Co-operative Database में सभी सहकारी समितियों की प्रविष्टि को सुनिश्चित करने पर जोर।
- पैक्सों के कम्प्यूटरीकरण और प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र के रूप में संचालन पर चर्चा।
- दुग्ध एवं मत्स्य सहकारी समितियों के गठन और सहकारिता समितियों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की रणनीति।
- निष्क्रिय सहकारी समितियों के परिसमापन और नए समितियों के गठन पर कार्ययोजना तैयार।
बैठक की मुख्य बातें
गढ़वा में उपायुक्त-सह-अध्यक्ष शेखर जमुआर की अध्यक्षता में District Co-operative Development Committee (DCDC) और Joint Working Committee (JWC) की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई। इस बैठक में जिले में सहकारिता को बढ़ावा देने और सहकारी समितियों के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
बैठक में जिला निबंधक सहयोग समितियों द्वारा National Co-operative Database पोर्टल पर नियमित रूप से प्रविष्टि करने, सभी पैक्सों के कम्प्यूटरीकरण, राष्ट्रीय स्तर की समितियों से संबद्धता, पैक्स को प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र के रूप में कार्यान्वित करने, प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र के रूप में विकसित करने जैसे बिंदुओं पर चर्चा की गई।
इसके अलावा, राष्ट्रीय जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में पाइप्ड जल आपूर्ति के संचालन एवं रखरखाव, सौर ऊर्जा चालित कोल्ड स्टोरेज के निर्माण हेतु जमीन उपलब्ध कराने, सभी पंचायतों में मछली पालन एवं दुग्ध सहकारी समितियों के गठन तथा भारत दाल ब्रांड के तहत चना दाल वितरण को लेकर भी विस्तृत चर्चा की गई।
सहकारिता समितियों को मिलेगी मजबूती
- गढ़वा जिले की सभी 195 सहकारी समितियों को National Co-operative Database में अद्यतन किया गया।
- 39 मत्स्य सहकारी समितियां, 5 दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियां, 47 आजीविका संकुल स्वावलंबी समितियां और 26 अन्य सहकारी समितियों का डेटा अपडेट किया गया।
- गढ़वा जिले के 45 पैक्सों का कम्प्यूटरीकरण पूरा किया गया, जिनमें सभी को कंप्यूटर सेट उपलब्ध कराए गए और ऑनलाइन लेखा बही की प्रक्रिया शुरू हुई।
निष्क्रिय समितियों का होगा परिसमापन
DCDC बैठक में निष्क्रिय सहकारी समितियों को बंद करने और नई समितियों के गठन को लेकर निर्णय लिया गया। उपायुक्त ने निर्देश दिया कि बंद पड़ी समितियों का ऑडिट कर उनकी परिसंपत्तियों का उचित उपयोग सुनिश्चित किया जाए।
सहकारी समितियों के आर्थिक सशक्तिकरण पर जोर
बैठक में उपायुक्त ने कहा कि सहकारिता की ताकत से ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती दी जा सकती है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे समितियों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए ऋण योजनाएं, अनुदान एवं सरकारी सहायता का सही इस्तेमाल सुनिश्चित करें।

‘न्यूज़ देखो’ की नज़र
गढ़वा में सहकारिता समितियों को संगठित कर उन्हें मजबूत करने की दिशा में यह बैठक बेहद अहम रही। लेकिन, सवाल यह है कि क्या इन योजनाओं का जमीनी स्तर पर सही क्रियान्वयन हो पाएगा? क्या निष्क्रिय समितियों के पुनर्गठन की प्रक्रिया तेज होगी? प्रशासन की यह पहल कितनी प्रभावी होगी, यह देखने वाली बात होगी।
गढ़वा के सहकारी समितियों की हालत सुधारने की इस कोशिश पर ‘न्यूज़ देखो’ की पैनी नज़र बनी रहेगी। हम लगातार यह जांचते रहेंगे कि सहकारिता के नाम पर सिर्फ योजनाएं बन रही हैं या वाकई ग्रामीण स्तर पर बदलाव आ रहा है? जुड़े रहिए ‘न्यूज़ देखो’ के साथ, क्योंकि “हर खबर पर रहेगी हमारी नज़र”!