गढ़वा में SDO की बड़ी कार्रवाई, दो डीजे जब्त, संचालकों से लिया अंडरटेकिंग

#GarhwaNews #DJबैन : बारात में डीजे बजाने पर SDO सख्त, डीजे सेट सील कर चेतावनी दी

बारात में जा रहे डीजे पकड़े गए, SDO ने की त्वरित कार्रवाई

गढ़वा: शुक्रवार को अनुमंडल पदाधिकारी (SDO) संजय कुमार ने क्षेत्र भ्रमण के दौरान मेराल प्रखंड के हरदाग मोड़ और गढ़वा प्रखंड के झलुआ के पास दो डीजे वाहनों को पकड़ कर उनके डीजे सेट सील करवा दिए।

हरदाग मोड़ पर एक डीजे वाहन पेशका गांव में बारात में जा रहा था। SDO ने जब डीजे मालिक से प्रशासनिक प्रतिबंध की जानकारी दी, तो उसने कहा —

“आजकल हर बारात में डीजे बजता है, मैं क्यों न बजाऊं?”

SDO ने उसे न्यायालय के आदेश की जानकारी दी और तुरंत डीजे सेट उतरवाकर उसकी ही दुकान में सील करवा दिया। साथ ही भविष्य में डीजे न बजाने का लिखित अंडरटेकिंग भी लिया और दुकान की चाबी उसी को सौंप दी, शर्त के साथ कि बिना प्रशासनिक अनुमति ताला नहीं खोलेगा।

झलुआ में दूसरी कार्रवाई, विनोद गुरुजी के बारात में जा रहा था डीजे

गढ़वा के झलुआ के पास पकड़े गए दूसरे डीजे वाहन के संचालक ने बताया कि वह डीजे कल्याणपुर के विनोद गुरुजी के यहां होने वाली बारात में बजाने जा रहा था। इस पर भी वैसी ही कार्रवाई की गई —
डीजे सेट दुकान में सील कर, संचालक से भविष्य में उपयोग नहीं करने का वचन लिया गया।

प्रशासन की चेतावनी: दोबारा गलती की तो होगी सख्त कार्रवाई

SDO संजय कुमार ने साफ चेताया —

“अगर फिर से डीजे बजाते पकड़े गए, तो प्राथमिकी दर्ज कर वाहन जब्त कर लिया जाएगा।”

उन्होंने कहा कि इतनी प्रशासनिक सख्ती और जागरूकता के बावजूद लोग लापरवाही दिखा रहे हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।

डीजे से बिगड़ती कानून व्यवस्था और स्वास्थ्य को खतरा

SDO ने कहा कि —

“उच्च ध्वनि वाले डीजे न केवल कानों के लिए खतरनाक हैं, बल्कि कई बार विवाद और झगड़े की वजह बनते हैं। बारात में शराब पीकर डांस करते हुए लोग आपस में भिड़ जाते हैं, जिससे कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ती है।”

उन्होंने स्पष्ट किया कि कोई भी डीजे कोर्ट के आदेश से प्रतिबंधित है, इसलिए बारात, जुलूस या किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम में डीजे का इस्तेमाल न करें।

न्यूज़ देखो : सख्त प्रशासन और जागरूक समाज की जरूरत

न्यूज़ देखो आपसे अपील करता है कि कानून का पालन करें, और शादी जैसे शुभ अवसरों को विवाद का कारण न बनने दें। प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन कर सुरक्षित और शांतिपूर्ण आयोजन करें। यही सभ्य समाज की पहचान है।

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