
#गढ़वा #शिक्षा_सुधार | निजी स्कूलों की फीस पर नियंत्रण और मिड डे मील योजना की निगरानी को लेकर दो अहम बैठकें
- उपायुक्त शेखर जमुआर की अध्यक्षता में दो प्रमुख बैठकों का आयोजन
- झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण अधिनियम के तहत शुल्क समिति का गठन
- पीएस पोषण योजना (मिड डे मील) की बिंदुवार समीक्षा कर दिशा-निर्देश जारी
- SMS के माध्यम से मिड डे मील संचालन की अनिवार्य रिपोर्टिंग का निर्देश
- वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए खाद्यान्न वितरण और डेटा एंट्री पर जोर
- सभी विभागीय अधिकारी और शिक्षक बैठक में रहे शामिल
शिक्षा में पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में एक मजबूत पहल
गढ़वा जिला प्रशासन ने शिक्षा प्रणाली को पारदर्शी और जिम्मेदार बनाने की दिशा में दो महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में उपायुक्त शेखर जमुआर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय शुल्क समिति के गठन और पीएस पोषण योजना (मध्याह्न भोजन) की समीक्षा को लेकर दो अहम बैठकें आयोजित की गईं। यह निर्णय विशेष रूप से निजी विद्यालयों की शुल्क प्रणाली को विनियमित करने और मिड डे मील की गुणवत्ता सुधारने के उद्देश्य से लिए गए हैं।
निजी विद्यालयों की फीस पर नियंत्रण के लिए बनी समिति
झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण संशोधन अधिनियम 2017 की धारा 7(अ)(1) और 7(अ)(2) के अनुसार, गढ़वा में जिला स्तरीय शुल्क समिति का गठन किया गया। इसका उद्देश्य निजी स्कूलों में मनमाने तरीके से लिए जाने वाले शुल्क को नियंत्रित करना है। उपायुक्त ने पूर्व में ही इस समिति के गठन के लिए 15 दिनों के भीतर निर्देश जारी किए थे, जिसका अनुपालन करते हुए समिति का गठन कर लिया गया है।
समिति के प्रमुख सदस्य इस प्रकार हैं:
- उपायुक्त – अध्यक्ष
- जिला शिक्षा पदाधिकारी – पदेन सदस्य-सचिव (माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के लिए)
- जिला शिक्षा अधीक्षक – पदेन सदस्य-सचिव (प्राथमिक और मध्य विद्यालयों के लिए)
- जिला परिवहन पदाधिकारी – सदस्य
- चार्टर्ड अकाउंटेंट – सदस्य
- निजी विद्यालयों के दो प्राचार्य – सदस्य
- माता-पिता समिति द्वारा नामित दो अभिभावक – सदस्य
- संबंधित क्षेत्र के सांसद एवं विधायक – सदस्य
“शिक्षा की गुणवत्ता तभी सुनिश्चित की जा सकती है जब शुल्क व्यवस्था पारदर्शी हो,”
— उपायुक्त शेखर जमुआर
मिड डे मील योजना की गुणवत्ता पर कड़ी नजर
बैठक के दूसरे चरण में पीएस पोषण योजना (पूर्व में मध्याह्न भोजन योजना) के अंतर्गत जिला स्तरीय स्टीयरिंग-सह-मॉनिटरिंग कमिटी की बैठक की गई। बैठक में 2024-25 के वित्तीय वर्ष की कार्ययोजना, खाद्यान्न वितरण, ऑनलाइन डेटा एंट्री, एसएमएस के माध्यम से रिपोर्टिंग, तथा किचन-कम-स्टोर रूम के मरम्मति कार्यों की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की गई।
डेटा पारदर्शिता और मॉनिटरिंग का तंत्र मजबूत किया गया
प्रशासन ने सभी विद्यालयों को निर्देश दिया कि वे हर दिन SMS के माध्यम से मध्याह्न भोजन के संचालन की सूचना प्रदान करें ताकि निगरानी और पारदर्शिता बनी रहे। साथ ही, 2023-24 में अधूरे मरम्मत कार्यों को जल्द से जल्द पूर्ण करने का निर्देश भी दिया गया।
“हर प्रखंड में मॉनिटरिंग कमिटी की बैठक नियमित रूप से होनी चाहिए जिससे योजना की निगरानी सशक्त हो सके,”
— जिला शिक्षा अधीक्षक अनुराग मिंज
समन्वय में जुटा प्रशासनिक अमला
बैठक में सिविल सर्जन डॉ. अशोक कुमार, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी प्रमेश कुशवाहा, प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी चिनिया, रमना, रमकंडा के प्रतिनिधियों सहित कई शिक्षकगण उपस्थित रहे। सभी ने योजनाओं की वर्तमान स्थिति और आगे की रूपरेखा पर चर्चा की।
न्यूज़ देखो : शिक्षा के हर फैसले पर पैनी नजर
गढ़वा जिला प्रशासन द्वारा उठाए गए ये दोनों कदम शिक्षा व्यवस्था को एक नई दिशा देने वाले हैं। ‘न्यूज़ देखो’ आपको भरोसा दिलाता है कि ऐसी हर नीतिगत पहल और प्रशासनिक फैसले की सबसे तेज़ और सटीक जानकारी आपको यहीं मिलेगी।
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