
हाइलाइट्स :
- विश्व यक्ष्मा दिवस पर गढ़वा जिला यक्ष्मा केंद्र में विशेष कार्यक्रम का आयोजन
- सिविल सर्जन डॉ. अशोक कुमार ने यक्ष्मा कर्मियों को प्रशस्ति पत्र और गिफ्ट देकर किया सम्मानित
- गढ़वा जिला लगातार तीन वर्षों से राज्य में यक्ष्मा उन्मूलन में प्रथम स्थान पर
- टीम समन्वय और बेहतर कार्य प्रदर्शन को लेकर अधिकारियों ने जताया गर्व
- प्रशिक्षित लैब टेक्नीशियनों को भी किया गया सम्मानित
कार्यक्रम का आयोजन और प्रमुख उपस्थिति
गढ़वा जिला यक्ष्मा केंद्र के सभागार में सोमवार को विश्व यक्ष्मा दिवस के अवसर पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सिविल सर्जन गढ़वा डॉ. अशोक कुमार, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. आर.एस. सिंह, जिले के सभी सीएचसी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, स्वास्थ्य विभाग जिला प्रबंधन इकाई के अधिकारी, और टीबी सहयोगी संस्था ट्राई इंडिया के फील्ड ऑफिसर सहित सभी यक्ष्मा कर्मी उपस्थित रहे।
उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मान और सराहना
कार्यक्रम के दौरान सिविल सर्जन डॉ. अशोक कुमार ने सभी यक्ष्मा कर्मियों को उनके बेहतरीन कार्य के लिए प्रशस्ति पत्र और उपहार देकर सम्मानित किया। उन्होंने राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के तहत गढ़वा जिले की उपलब्धियों पर संतोष व्यक्त किया और कहा कि टीम के बीच बेहतर समन्वय और मेहनत की वजह से गढ़वा जिला लगातार तीन वर्षों से पूरे राज्य में प्रथम स्थान पर है।
“टीम में आपसी समन्वय किसी भी कार्य की सफलता की कुंजी है, और गढ़वा के यक्ष्मा कर्मियों ने इसे बखूबी निभाया है। मैं उम्मीद करता हूँ कि भविष्य में भी इसी ऊर्जा के साथ काम होगा।” — डॉ. अशोक कुमार, सिविल सर्जन
प्रशिक्षित तकनीशियनों का योगदान
डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि जिले के तीन प्रयोगशाला प्राविधिक एनटीआई बेंगलुरु से प्रशिक्षित हैं, जिन्होंने कोविड काल में भी अन्य कर्मियों को प्रशिक्षण दिया। इनमें अनुज कुमार, विश्वास कुमार शर्मा और इरफान अंसारी का नाम प्रमुख रूप से शामिल है।
टीम भावना की मिसाल
कार्यक्रम में डीपीसी यक्ष्मा डॉ. पुरूषेश्वर मिश्र, अरविंद कुमार अग्रवाल, अनुज कुमार, जितेंद्र कुमार, नुरुल्लाह अंसारी सहित सभी यक्ष्मा कर्मी उपस्थित रहे। सभी ने मिलकर जिले को यक्ष्मा उन्मूलन में अग्रणी बनाए रखने का संकल्प लिया।
‘न्यूज़ देखो’ का आग्रह — आपकी क्या राय है इन प्रयासों पर?
गढ़वा जिले की यह उपलब्धि सिर्फ एक विभाग का नहीं, बल्कि पूरे जिले के स्वास्थ्य ढांचे का सम्मान है। क्या आप मानते हैं कि इस तरह की टीम भावना और कड़ी मेहनत को और प्रोत्साहित किया जाना चाहिए?
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