#गढ़वा #CorruptionCharges : सत्येंद्रनाथ तिवारी ने सरकार को घेरा, बोले- हर विभाग में लूट
- गढ़वा विधायक सत्येंद्रनाथ तिवारी ने लगाया बड़े घोटाले का आरोप।
- बोले- हटिया डैम का 98 लाख का मामला छोटा, गढ़वा में हुआ और बड़ा घोटाला।
- हर घर नल-जल योजना में भारी भ्रष्टाचार का दावा।
- सरकार पर आरोप- ध्यान सिर्फ ट्रांसफर-पोस्टिंग पर।
- भाजपा विधायकों ने घोटालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के पहले ही दिन घोटालों का मुद्दा गरम हो गया। इस बार केंद्र में हैं गढ़वा से भाजपा विधायक सत्येंद्रनाथ तिवारी, जिन्होंने राज्य सरकार पर भारी भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए।
सत्येंद्रनाथ तिवारी का बड़ा बयान
भाजपा विधायक ने कहा कि झारखंड सरकार का ध्यान सिर्फ ट्रांसफर-पोस्टिंग पर है। उन्होंने आरोप लगाया कि गढ़वा में पूर्व मंत्री के कार्यकाल में हर घर नल-जल योजना में बड़ा घोटाला हुआ, जिसकी जांच आज तक नहीं हुई।
सत्येंद्रनाथ तिवारी ने कहा: “हटिया डैम का 98 लाख का मामला तो छोटा है, गढ़वा में और बड़ा घोटाला हुआ है। सरकार सिर्फ पोस्टिंग में व्यस्त है, विकास की कोई चिंता नहीं।”
हटिया डैम का मुद्दा भी आया चर्चा में
विधानसभा में हटिया डैम पर भी चर्चा हुई। डैम का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और गेट नहीं खुलने से खतरा बढ़ गया है। भाजपा के मुख्य सचेतक और हटिया से विधायक नवीन जायसवाल ने डैम के गेट की मरम्मत पर पिछले तीन साल में 98 लाख रुपये खर्च होने के बावजूद खराबी को लेकर सरकार पर सवाल उठाए।
नवीन जायसवाल बोले: “इतनी रकम खर्च होने के बावजूद गेट क्यों नहीं खुल रहा? यह घोटाला है, जांच होनी चाहिए।”
मंत्री का जवाब और पलटवार
पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने कहा कि डैम जल संसाधन विभाग के अधीन है और वे इस मामले में नैतिक जिम्मेदारी स्वीकार करते हैं। उन्होंने कहा कि सोमवार को विस्तृत जवाब देंगे, साथ ही व्यंग्य करते हुए बोले कि “डैम को चूहा नहीं खाया है।”
क्यों गरमाया यह मुद्दा
गढ़वा से उठे बड़े घोटाले के आरोप के बाद यह साफ हो गया है कि भ्रष्टाचार का मुद्दा आने वाले दिनों में राजनीतिक बहस का केंद्र बनने वाला है। भाजपा लगातार सरकार पर निशाना साध रही है और अब गढ़वा और हटिया, दोनों मामलों ने विपक्ष को बड़ा मुद्दा थमा दिया है।
न्यूज़ देखो: जनता के हितों से खिलवाड़ या जवाबदेही का समय
सत्येंद्रनाथ तिवारी का यह बयान झारखंड की प्रशासनिक व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाता है। अगर पानी, सिंचाई और जल योजनाओं में घोटाले हुए हैं तो यह सीधा जनजीवन से जुड़ा मामला है। पारदर्शिता और जवाबदेही ही लोकतंत्र की नींव है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
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भ्रष्टाचार रोकना सिर्फ सरकार की नहीं, जनता की भी जिम्मेदारी है। आप अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को शेयर करें और इसे उन तक पहुंचाएं जिन्हें इसकी जानकारी होनी चाहिए।