गढ़वा: थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे को खून देकर पोस्टमार्टम कर्मचारी ने दी मानवता की मिसाल

#गढ़वा #रक्तदानमहादान – पहली बार किया रक्तदान, मासूम की जान बचाकर बनी प्रेरणा

पहली बार किया रक्तदान, बन गए प्रेरणा का स्रोत

गढ़वा सदर अस्पताल में आज मानवता की एक सजीव तस्वीर देखने को मिली, जब पोस्टमार्टम कक्ष में कार्यरत कर्मचारी राजकुमार ने पहली बार रक्तदान कर एक थैलेसीमिया पीड़ित मासूम बच्चे की जान बचाई।

थैलेसीमिया एक ऐसा रक्त विकार है जिसमें मरीज को नियमित रूप से खून की जरूरत पड़ती है। ऐसे में किसी भी रक्तदाता का योगदान जीवन रक्षक बन जाता है।

“बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूं”

राजकुमार ने बताया कि जब उन्हें बताया गया कि एक छोटे बच्चे को खून की सख्त जरूरत है, तो उन्होंने बिना किसी संकोच के तुरंत हामी भर दी।

“यह मेरा पहला रक्तदान था और मैं बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूं। अब मैंने ठान लिया है कि भविष्य में भी जब किसी को रक्त की आवश्यकता होगी, तो मैं जरूर आगे आऊंगा।”
राजकुमार, पोस्टमार्टम कर्मचारी, सदर अस्पताल गढ़वा

उनके इस कार्य ने न सिर्फ एक मासूम की जान बचाई, बल्कि अस्पताल में उपस्थित हर किसी के मन को छू लिया।

मानवता का उदाहरण, प्रेरणा की मिसाल

राजकुमार की इस पहल की अस्पताल के स्टाफ और मरीजों के परिजनों ने खुले दिल से सराहना की। उनका कहना था कि इस तरह की घटनाएं समाज को संवेदनशील और जागरूक बनाती हैं, और दूसरों को भी मदद के लिए प्रेरित करती हैं।

न्यूज़ देखो : मानवता की हर मिसाल पर रहेगी हमारी नजर

न्यूज़ देखो ऐसे सकारात्मक प्रयासों की सराहना करता है जो समाज को नई दिशा देते हैं।
राजकुमार जैसे लोग यह दिखाते हैं कि असली नायक वही होते हैं जो संकट की घड़ी में बिना नाम, बिना शोर के किसी की जिंदगी बचा जाते हैं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

आइए, हम भी यह संकल्प लें कि जब कभी किसी की जान बचाने का अवसर मिले, तो पीछे न हटें। एक यूनिट रक्त किसी की पूरी जिंदगी बन सकता है।

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