- परमेश्वरी मेडिकल सेंटर में इलाज में लापरवाही का आरोप, अस्पताल के सामने हंगामा और तोड़फोड़।
- गढ़वा-चिनिया रोड को जाम किया, जिससे घंटों तक आवागमन बाधित रहा।
- मरीज की हालत गंभीर होने के बाद रांची रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान लापरवाही का आरोप।
- परिजनों और ग्रामीणों ने न्याय की मांग करते हुए सड़क जाम किया।
- पुलिस और डॉक्टरों के हस्तक्षेप से स्थिति शांत हुई, मरीज को निजी क्लिनिक भेजा गया।
क्या है मामला?
गढ़वा-चिनिया रोड स्थित परमेश्वरी मेडिकल सेंटर में इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए परिजनों और ग्रामीणों ने अस्पताल के सामने हंगामा और तोड़फोड़ की। इस दौरान गढ़वा-चिनिया मार्ग को जाम कर दिया, जिससे घंटों तक आवागमन प्रभावित रहा।
रामकंडा प्रखंड के विराजपुर गांव निवासी मिथिलेश राम की पत्नी पिकी देवी (21 वर्ष) को 29 दिसंबर 2024 को प्रसव पीड़ा के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। ऑपरेशन के बाद महिला की हालत गंभीर हो गई और उसे रांची रेफर किया गया, जहां इलाज चल रहा है।
परिजनों का आरोप
परिजनों का कहना है कि रांची के डॉक्टरों ने बताया कि इलाज के दौरान भारी लापरवाही बरती गई, जिससे मरीज कोमा में चली गई। अस्पताल ने ऑपरेशन के नाम पर 80 हजार रुपए लिए थे, जबकि रांची में इलाज के दौरान चार लाख रुपए खर्च हो गए।
न्याय की मांग पर हंगामा
परिजनों ने अस्पताल के सामने न्याय की गुहार लगाई, लेकिन आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन ने उनकी शिकायत सुनने के बजाय उन्हें बाहर निकाल दिया। इसके बाद आक्रोशित परिजनों और ग्रामीणों ने सड़क जाम कर दिया, जिससे स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई।
पुलिस और डॉक्टरों ने संभाला मोर्चा
“हंगामे की सूचना पर गढ़वा थाना प्रभारी बृज कुमार दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की।”
पुलिस और कुछ डॉक्टरों ने मिलकर समझौते का प्रयास किया और स्थिति को शांत करने की कोशिश की। अंततः, मरीज को प्राइवेट क्लिनिक में भेजा गया और अस्पताल प्रबंधन ने एंबुलेंस भेजकर उसे वहां पहुंचाया।
स्थिति सामान्य, लेकिन सवाल कायम
घटना के बाद स्थिति शांत हुई, लेकिन इलाज में लापरवाही के आरोप और परिजनों के आक्रोश ने अस्पताल प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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