हाइलाइट्स :
- गढ़वा के हूर मध्या कैंप में प्रतिबंधित मांस मिलने के बाद पुलिस ने 9 मजदूरों को गिरफ्तार किया।
- गिरफ्तार मजदूर पश्चिम बंगाल के दिनाजपुर जिले के निवासी बताए गए।
- पुलिस जांच में पता चला कि प्रतिबंधित मांस स्थानीय व्यक्ति से खरीदा गया था।
- पशु चिकित्सक की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।
गिरफ्तार मजदूरों के नाम आए सामने
गढ़वा पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए बंगाल के दिनाजपुर निवासी सैरुल हक, फारूक इस्लाम, महेफ़िजूल हक, आलम शेख, नसीरुद्दीन मोहम्मद, नूर इस्लाम, मो. फिरोज शेख, शहाबुद्दीन समजेद शेख को गिरफ्तार किया है। ये सभी शिवालया कंस्ट्रक्शन कंपनी के फोरलेन सड़क निर्माण कार्य में मजदूरी कर रहे थे और नहर किनारे कैंप में रह रहे थे।
पुलिस ने जारी किया बयान
गढ़वा पुलिस ने घटना पर आधिकारिक बयान जारी किया। पुलिस के अनुसार, “कुछ मजदूरों के पास प्रतिबंधित मांस होने की सूचना मिली थी। जांच में सामने आया कि ये लोग एक स्थानीय व्यक्ति से मांस खरीदकर लाए थे। सभी मजदूर पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं और नेशनल हाईवे निर्माण कार्य में लगे हैं। उनकी गिरफ्तारी हो चुकी है, और आगे की जांच की जा रही है।”
जांच में जुटी पुलिस
पुलिस ने बरामद मांस को जब्त कर पशु चिकित्सक से परीक्षण कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि मांस कहां से खरीदा गया और इसमें कौन-कौन संलिप्त है।
‘न्यूज़ देखो’ की नज़र
गढ़वा में प्रतिबंधित मांस मामले ने स्थानीय लोगों के बीच आक्रोश पैदा कर दिया है। प्रशासन की सख्ती और योगी सेना के विरोध के चलते पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की। अब जांच में आगे क्या निकलता है और प्रशासन क्या कदम उठाता है, ‘न्यूज़ देखो’ इस मामले पर पूरी नजर बनाए रखेगा।