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गढ़वा: कस्तूरबा विद्यालय में सुरक्षा पर सवाल, सांप काटने से छात्रा घायल

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#गढ़वा #कस्तूरबाविद्यालय : विद्यालय परिसर में सर्पदंश की घटना से हड़कंप, समय पर इलाज से बची जान – लापरवाही से उजागर हुई सुरक्षा व्यवस्था की खामियाँ
  • कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, गढ़वा में छात्रा को सांप ने डंसा
  • कक्षा 8 की छात्रा रेहाना खातून को अचानक परिसर में काटा सांप
  • समय पर एंटी-वेनम नहीं मिलने से बिगड़ सकती थी हालत
  • घटना ने विद्यालय की सुरक्षा व्यवस्था पर खड़े किए गंभीर सवाल
  • स्थानीय प्रशासन और शिक्षा विभाग से जवाबदेही की मांग

विद्यालय परिसर में सर्पदंश की गंभीर घटना

गढ़वा जिला मुख्यालय स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय एक बार फिर लापरवाही की वजह से सुर्खियों में है। शुक्रवार को स्कूल परिसर में एक जहरीले सांप के काटने से कक्षा 8 की छात्रा रेहाना खातून गंभीर रूप से घायल हो गई।

परिसर में ही डंसा सांप, छात्रा की हालत फिलहाल स्थिर

प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह हादसा उस समय हुआ जब छात्रा परिसर में दैनिक कार्यों में व्यस्त थी। उसी दौरान एक सांप ने उसे डंस लिया, जिससे वह तुरंत बेहोश होकर गिर पड़ी। साथी छात्राओं और शिक्षकों द्वारा तत्काल उसे अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार कर उसकी हालत को स्थिर बताया है।

एंटी-वेनम की उपलब्धता नहीं, सवालों में व्यवस्था

सूत्रों के अनुसार, विद्यालय में या नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तुरंत एंटी-वेनम उपलब्ध नहीं था, जिससे छात्रा की स्थिति बिगड़ने का खतरा बना रहा। यदि अस्पताल तक समय पर नहीं पहुंचाया गया होता, तो स्थिति बेहद गंभीर हो सकती थी

सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल

इस घटना ने विद्यालय परिसर की सुरक्षा और साफ-सफाई को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। यह स्पष्ट है कि परिसर में झाड़ियों की सफाई और नियमित फॉगिंग नहीं हो रही, जिससे जहरीले जीव-जंतुओं का खतरा बना हुआ है।

शिक्षा विभाग और प्रशासन की जिम्मेदारी

अब सवाल यह है कि क्या जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करेगा? विद्यालयों में रहने वाली बच्चियों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होना चाहिए।

न्यूज़ देखो: आपकी सुरक्षा, हमारी प्राथमिकता

न्यूज़ देखो प्रशासन और शिक्षा विभाग से मांग करता है कि सभी आवासीय विद्यालयों में सुरक्षा और चिकित्सा व्यवस्था को सख्ती से लागू किया जाए। ऐसी घटनाएं दोबारा न हों, इसके लिए ठोस उपाय और जिम्मेदारी तय की जाए।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

बच्चियों की सुरक्षा हो सर्वोपरि

विद्यालयों को केवल शिक्षा केंद्र ही नहीं, बल्कि पूर्ण सुरक्षा वाले वातावरण के रूप में विकसित किया जाना चाहिए। हर छात्रा का जीवन अमूल्य है — सावधानी ही सबसे बड़ी सुरक्षा है।

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