
- सदर अस्पताल में अव्यवस्था से बीमार मासूम के परिजनों को हुई परेशानी।
- 5 माह के बच्चे को इमरजेंसी और SNCU के बीच भटकाया गया।
- डॉक्टरों की अनुपस्थिति और अस्पष्ट निर्देशों से बढ़ी मुश्किलें।
- अस्पताल प्रबंधन ने कहा—मामले की होगी जांच।
अव्यवस्था का शिकार हुआ बीमार मासूम
गढ़वा जिला का सदर अस्पताल अव्यवस्थाओं का गढ़ बनता जा रहा है। आए दिन ओपीडी और इमरजेंसी में चिकित्सकों की अनुपस्थिति की शिकायतें सामने आती रहती हैं। रविवार को भी ऐसा ही एक मामला देखने को मिला, जब इलाज के लिए आए परिजनों को करीब 40 मिनट तक इधर-उधर भटकना पड़ा।
5 माह के बच्चे के इलाज में हुई देरी
गढ़वा के बिरेंद्र कोरवा का 5 माह का पुत्र दीपक कोरवा बीमार था, जिसे इलाज के लिए परिजन सदर अस्पताल लेकर पहुंचे। लेकिन अस्पताल में अव्यवस्था इस कदर हावी थी कि कभी स्टाफ SNCU (स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट) भेजने की बात कहता, तो कभी SNCU का स्टाफ इमरजेंसी में दिखाने की सलाह देता। ऐसे में बच्चे के परिजन बच्चे को गोद में लिए अस्पताल परिसर में भटकते रहे।
डॉक्टर की अनुपस्थिति बनी परेशानी की वजह
सूत्रों के मुताबिक, उस समय SNCU में डॉ. शिशिर चंद्राकर की ड्यूटी थी, जबकि स्टाफ में सुषमा और रुचि तैनात थीं। जब परिजनों ने डॉक्टर के बारे में पूछा, तो स्टाफ ने बताया कि:
“डॉक्टर भर्ती बच्चों को देखकर चले गए हैं और अब वापस नहीं आएंगे।”
इसके बाद स्टाफ रुचि ने डॉक्टर शिशिर चंद्राकर को फोन किया, जिस पर उन्होंने कहा कि:
“SNCU में केवल 0 से 1 माह तक के बच्चों को भर्ती करने की अनुमति है, इसलिए 5 माह के बच्चे को वहां नहीं रखा जा सकता।”
अस्पताल प्रबंधन ने दी सफाई
इस मामले पर अस्पताल के मैनेजर सुनील मणि त्रिपाठी ने कहा कि:
“यह मामला संवेदनशील वार्ड का है, इसलिए चिकित्सक ने बच्चे को भर्ती क्यों नहीं किया, इसकी जानकारी ली जाएगी। डॉक्टर से बात करने के बाद ही कोई ठोस जवाब दिया जा सकता है।”

‘न्यूज़ देखो’ की नज़र
गढ़वा सदर अस्पताल की यह घटना एक बार फिर वहां की अव्यवस्था को उजागर करती है। जहां जरूरतमंद मरीजों को समय पर इलाज तक नहीं मिल पा रहा। सवाल यह उठता है कि क्या प्रशासन इस पर कोई ठोस कदम उठाएगा? ‘न्यूज़ देखो’ इस मामले पर अपनी पैनी नजर बनाए रखेगा, क्योंकि “हर खबर पर रहेगी हमारी नज़र”।