
- संगीत कला महाविद्यालय में धूमधाम से मना होली मिलन समारोह।
- शास्त्रीय और फिल्मी होली गीतों से सजी संगीतमय शाम।
- छात्र-छात्राओं की मनमोहक प्रस्तुतियों ने मोहा सबका मन।
रंग और संगीत के संग मना होली मिलन समारोह
गढ़वा के संगीत कला महाविद्यालय में होली मिलन समारोह बड़े ही उत्साह और उल्लास के साथ मनाया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के पूजन एवं वंदन से हुई, जिसके बाद सभी ने एक-दूसरे को अबीर-गुलाल का तिलक लगाया।
“होली सिर्फ रंगों का त्योहार नहीं, यह संगीत, मेलजोल और आनंद का उत्सव भी है!” – प्रमोद सोनी, निदेशक
शास्त्रीय और फिल्मी होली गीतों की शानदार प्रस्तुति
छात्र-छात्राओं ने पारंपरिक शास्त्रीय और फिल्मी होली गीतों की प्रस्तुति देकर पूरे माहौल को संगीतमय बना दिया।
- पूर्णिमा कुमारी ने “लायी है हजारों रंग होली” और “होली आयी रे कन्हाई, रंग भर के सुनादे जरा बांसुरी” गाकर रंगों की खुशबू बिखेर दी।
- धर्मेंद्र कुमार और पूजा कुमारी ने “जोगी जी धीरे धीरे” तथा “सदा आनंद रहे मेरे द्वारे, मोहन खेले होली हो” प्रस्तुत कर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।
- परिधि कुमारी ने “पनिया लाले लाल ये गौरा हमरो के चाही”, प्रियंका कुमारी ने “होलिया में उड़े रे गुलाल”, और खुशी कांस्यकर ने “आज खेलो श्याम संग होरी” गाकर श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया।
- नन्हे उस्ताद नैतिक पांडे, आराधना कुमारी, शशिकांत और अंश राज ने राग काफी पर आधारित “कनक भवन में खेलत सिया रघुवीर” प्रस्तुत कर समां बांध दिया।
वाद्ययंत्रों की मधुर संगत ने बढ़ाई शोभा
संगीत संध्या में वाद्ययंत्रों की मधुर संगत ने प्रस्तुतियों को और भी प्रभावी बना दिया।
- संजय कुमार (तबला)
- कुलदीप कुमार (ढोलक)
- मनीष कुमार (बैंजो)
- दिलीप कुमार (ऑर्गन)
विशिष्ट अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति
इस अवसर पर नेहा कुमारी, चंचला कुमारी, सुनेश विश्वकर्मा, संतोष कुमार, अखिलेश कुमार, लाल बहादुर सिंह, अक्षय कुमार, राहुल कुमार, लालमणि विश्वकर्मा समेत कई अभिभावक एवं गणमान्य लोग उपस्थित थे।



‘न्यूज़ देखो’ की नज़र
यह आयोजन संगीत और संस्कृति का अनूठा संगम था, जिसने सभी को रंगों और रागों के इस मधुर उत्सव में सराबोर कर दिया।
‘न्यूज़ देखो’ इस तरह के सांस्कृतिक आयोजनों को लगातार कवर करता रहेगा, क्योंकि “हर खबर पर रहेगी हमारी नज़र”।