Garhwa

गढ़वा: सड़क हादसों में अपनों को खो चुके परिवारों संग एसडीएम ने की कॉफी पर चर्चा

हाइलाइट्स:

  • “कॉफी विद एसडीएम” कार्यक्रम में सड़क हादसों के पीड़ित परिवारों से संवाद
  • परिजनों की समस्याएं सुनीं, राहत राशि व सहायता प्रक्रिया पर विस्तृत जानकारी दी गई
  • दस्तावेजी त्रुटियों के कारण मिलने वाली राहत राशि में देरी को लेकर निर्देश दिए
  • हेलमेट न पहनने और तेज रफ्तार ड्राइविंग को सड़क हादसों का बड़ा कारण बताया गया
  • पीड़ित परिवारों ने युवाओं से ट्रैफिक नियमों का पालन करने की भावुक अपील की

एसडीएम ने सड़क हादसे पीड़ितों से की मुलाकात

गढ़वा। “कॉफी विद एसडीएम” कार्यक्रम के तहत इस सप्ताह अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीएम) संजय कुमार ने सड़क हादसों में अपनों को खो चुके परिवारों को आमंत्रित कर उनसे संवाद किया। बैठक में गढ़वा अनुमंडल क्षेत्र के अलावा आसपास के कई प्रभावित लोग शामिल हुए। कार्यक्रम में प्रमुख अतिथि के रूप में जिला परिवहन पदाधिकारी (डीटीओ) धीरज प्रकाश भी मौजूद रहे। अधिकारियों ने परिजनों से सहायता योजनाओं की स्थिति जानी और उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिया।

राहत राशि की प्रक्रिया को लेकर दिए निर्देश

संवाद के दौरान यह बात सामने आई कि हिट एंड रन और आपदा सहायता के तहत मिलने वाली राहत राशि की प्रक्रिया में कई बार दस्तावेजी कमियों के कारण देरी होती है। पारिवारिक सूची, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, मृत्यु प्रमाण पत्र और अंचल अनुशंसा जैसे दस्तावेजों में त्रुटियों के चलते पीड़ित परिवारों को महीनों इंतजार करना पड़ता है। इस पर एसडीएम संजय कुमार ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे मामलों को प्राथमिकता दें और राहत राशि दिलाने में तेजी लाएं।

परिजनों का दर्द सुनकर भावुक हुआ माहौल

बैठक में पीड़ित परिवारों ने अपनी आपबीती साझा की, जिससे माहौल गमगीन हो गया।

गढ़वा के रफीक अंसारी ने बताया कि उनके बेटे फैयाज की शादी से 12 दिन पहले ही सड़क हादसे में उसकी मौत हो गई।
अनीश कुमार यादव ने बताया कि उनके पिता सुरेश यादव बहन के घर जाते वक्त दुर्घटना का शिकार हो गए।
24 वर्षीय दिवंगत संदीप ठाकुर के परिजनों ने बताया कि वे एक बुजुर्ग को बचाने के प्रयास में अपनी जान गंवा बैठे।

70 वर्षीय कुसुम देवी ने रोते हुए कहा कि उनका बेटा दोस्त को स्टेशन छोड़ने गया था, लेकिन लौटकर नहीं आया। संग्रहे निवासी नागेंद्र शर्मा ने बताया कि उनका बेटा रविकांत, जो मारवाड़ी कॉलेज रांची में पढ़ता था, अपने छोटे भाइयों को स्कूल छोड़कर लौट रहा था, तभी तेज रफ्तार बस की चपेट में आ गया। ऐसे ही करीब 20 लोगों ने अपने परिजनों को खोने की पीड़ा व्यक्त की।

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हेलमेट न पहनना और तेज रफ्तार मुख्य कारण

संवाद में यह सामने आया कि अधिकतर हादसों में जान गंवाने वाले लोगों ने हेलमेट नहीं पहना था या फिर तेज रफ्तार ड्राइविंग हादसे की वजह बनी। डीटीओ धीरज प्रकाश ने बताया कि सड़क सुरक्षा नियमों का पालन न करना दुर्घटनाओं को न्योता देता है।

युवाओं से हेलमेट लगाने की भावुक अपील

“हम अपने बच्चों को हमेशा सुरक्षित देखना चाहते हैं। कोई और परिवार हमारे जैसे दर्द से न गुजरे। कृपया हेलमेट पहनें और ट्रैफिक नियमों का पालन करें।”
यह अपील पीड़ित परिजनों ने जिले के युवाओं से की।

इस दौरान उपेंद्र चौधरी, निर्मल कुमार, मंजू देवी, मंटू चौधरी, देवंती देवी, रफीक अंसारी, अनीश कुमार यादव, आलोक ठाकुर, उपेंद्र चंद्रवंशी, संजय चंद्रवंशी, नागेंद्र शर्मा, नंदू चौधरी, नरेश प्रजापति, मुकेश ठाकुर, गीता कुमारी, कुसुम देवी, सविता देवी सहित कई अन्य परिजनों ने अपनी बातें रखीं।

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‘न्यूज़ देखो’ – हादसों से बचाव के लिए सतर्कता जरूरी

गढ़वा में सड़क हादसों का यह दर्दनाक पहलू एक गंभीर चेतावनी है कि ट्रैफिक नियमों की अनदेखी जानलेवा साबित हो सकती है। हेलमेट पहनना, रफ्तार पर नियंत्रण रखना और सावधानी से गाड़ी चलाना ऐसे कदम हैं जो अनगिनत जिंदगियां बचा सकते हैं। प्रशासन की ओर से राहत राशि में देरी को रोकने के लिए तत्परता दिखाने की बात कही गई है, लेकिन क्या यह कार्रवाई प्रभावी रूप से लागू होगी? ‘न्यूज़ देखो’ इस मुद्दे पर अपनी पैनी नजर बनाए रखेगा और हर अपडेट आप तक पहुंचाएगा।

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