Garhwa

गढ़वा: फर्जी रिपोर्ट के मामले में SDM ने पैथोलॉजी सेंटर किया सील, चिकित्सक की संदिग्ध भूमिका की भी जांच शुरू

#गढ़वा #पैथोलॉजी #फर्जीवाड़ा – एसडीएम की अगुवाई में संयुक्त जांच के बाद सेंटर पर कार्रवाई, तकनीशियन और संचालक ने मानी गलती

  • फर्जी जांच रिपोर्ट के मामले में साईं पैथोलॉजी सेंटर सील
  • मंडल कारा के एक कैदी की संदिग्ध रिपोर्ट बनी जांच का कारण
  • सदर अस्पताल के चिकित्सक पर रिपोर्ट बदलवाने का आरोप
  • जांच में ओवरराइटिंग, बिना रिकॉर्ड, फर्जी हस्ताक्षर का खुलासा
  • एसडीएम ने अन्य जांच केंद्रों को भी दी चेतावनी

कैदी की रिपोर्ट से हुआ खुलासा, डॉक्टर लाल लैब में निकली रिपोर्ट सामान्य

गढ़वा मंडल कारा में पोक्सो के तहत बंद एक विचाराधीन कैदी की संदिग्ध लिवर रिपोर्ट के बाद पूरा मामला खुलकर सामने आया। साईं पैथोलॉजी लैब द्वारा दी गई पहली रिपोर्ट संदेहास्पद लगी, जिसके बाद डॉ. लाल पैथ लैब में कराई गई दोबारा जांच में सभी रिपोर्ट सामान्य पाई गई। इसके बाद एसडीएम संजय कुमार की अगुवाई में सिविल सर्जन डॉ. अशोक कुमार, बीडीओ कुमार नरेंद्र, सीओ सफी आलम और गढ़वा पुलिस के साथ संयुक्त जांच की गई।

जांच में मिले कई गंभीर अनियमितताएं

संयुक्त टीम ने चिनिया मोड़ काली मंदिर के पास स्थित साईं पैथोलॉजी लैब में पहुंचकर जब रिकॉर्ड खंगाले तो डिजिटल रिकॉर्ड नहीं मिला और मैनुअल रजिस्टर में ओवरराइटिंग और काटछांट पाई गई। पूछताछ में संचालक नित्यानंद त्रिपाठी और टेक्नीशियन खुशबुल्ला अंसारी ने यह स्वीकार किया कि सदर अस्पताल के एक चिकित्सक के दबाव में रिपोर्ट बदल दी गई थी।

तकनीकी योग्यता और दस्तावेजी गड़बड़ी से और गंभीर हुआ मामला

जांच में यह भी सामने आया कि जांच करने वाला तकनीशियन फिलहाल केवल 12वीं पास है, रिपोर्ट में फर्जी हस्ताक्षर किए गए हैं, कोई नियमित रिकॉर्ड मेंटेन नहीं किया गया था, और अधिकतर रिपोर्ट एक ही डॉक्टर द्वारा रेफर की गई थी। इन सब बिंदुओं को बेहद गंभीर मानते हुए एसडीएम संजय कुमार के निर्देश पर लैब को तत्काल प्रभाव से सील कर दिया गया।

“यह केवल एक लैब का मामला नहीं, पूरे चिकित्सा तंत्र की विश्वसनीयता पर सवाल है। ऐसी लापरवाही से मरीजों की जान जोखिम में पड़ती है, दोषियों को कड़ी सजा दी जाएगी।”
संजय कुमार, एसडीएम, गढ़वा

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