
रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 की तैयारियों में तेजी आ गई है, और इस बार राजनीतिक पार्टियों के बीच प्रत्याशियों को लेकर खींचतान देखने को मिल रही है। मंगलवार को राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने अपनी पहली लिस्ट जारी की, जिसमें छह उम्मीदवारों का ऐलान किया गया है। इस लिस्ट में विश्रामपुर और हुसैनाबाद समेत छह महत्वपूर्ण सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं। रश्मि प्रकाश को चतरा से, सुभाष यादव को कोडरमा से, और सुरेश पासवान को देवघर से टिकट दिया गया है।
आरजेडी की इस लिस्ट में विश्रामपुर से नरेश प्रसाद सिंह और हुसैनाबाद से संजय कुमार सिंह यादव को मैदान में उतारा गया है। विश्रामपुर सीट, जिस पर कभी गिरिनाथ सिंह ने आरजेडी का प्रतिनिधित्व किया था, अब नरेश प्रसाद सिंह के लिए आरजेडी का नया गढ़ बनने जा रहा है। लेकिन असल खेल गढ़वा में देखने को मिलेगा, जहां सियासी समीकरण बिल्कुल बदल चुके हैं।
गिरिनाथ सिंह का आरजेडी से किनारा और समाजवादी पार्टी की सवारी
जबकि आरजेडी ने अपनी सूची जारी की, पूर्व आरजेडी नेता गिरिनाथ सिंह ने इसे पूरी तरह से नजरअंदाज करते हुए गढ़वा से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। गिरिनाथ सिंह, जो कभी आरजेडी के प्रमुख चेहरा थे, हाल ही में आरजेडी छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। उन्होंने आरजेडी के अंदरूनी मतभेदों और राजनीतिक उठापटक से तंग आकर पार्टी से अलग होने का फैसला किया।
गिरिनाथ सिंह ने आरजेडी की लालटेन बुझाकर अब समाजवादी पार्टी की साइकिल पर सवारी शुरू कर दी है।
उन्होंने गढ़वा से चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है, जबकि आरजेडी ने अभी तक गढ़वा सीट के लिए कोई उम्मीदवार नहीं घोषित किया। यह कदम स्पष्ट रूप से आरजेडी के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि गिरिनाथ सिंह का कद गढ़वा और आस-पास के इलाकों में काफी प्रभावशाली है।
आरजेडी की लिस्ट और गठबंधन के समीकरण
आरजेडी की सूची से यह भी साफ हो गया है कि पार्टी झारखंड की सिर्फ छह सीटों पर ही चुनाव लड़ेगी। इनमें विश्रामपुर और हुसैनाबाद प्रमुख हैं, जहां आरजेडी के नए चेहरे मैदान में हैं। विश्रामपुर से नरेश प्रसाद सिंह और हुसैनाबाद से संजय कुमार सिंह यादव को आरजेडी ने उम्मीदवार घोषित किया है। लेकिन इन उम्मीदवारों के सामने गिरिनाथ सिंह का समाजवादी पार्टी के टिकट पर गढ़वा से चुनाव लड़ना एक नई चुनौती खड़ी कर सकता है।
इंडिया गठबंधन में दरार?
गिरिनाथ सिंह का आरजेडी से हटकर समाजवादी पार्टी में जाना और गढ़वा से टिकट पाना, इंडिया गठबंधन के लिए एक संकेत है कि सीटों के बंटवारे और रणनीति में कोई बड़ी असहमति है। यह कदम गिरिनाथ सिंह की व्यक्तिगत राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं का परिणाम हो सकता है, जो आरजेडी के टिकट न मिलने से असंतुष्ट थे। गठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर अब भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है, और गिरिनाथ सिंह का यह निर्णय गठबंधन के लिए एक कठिन चुनौती बन सकता है।
गढ़वा में होगा मुकाबला
गढ़वा की सीट अब खास बन चुकी है, क्योंकि गिरिनाथ सिंह यहां से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने को तैयार हैं। उनका यह फैसला आरजेडी और इंडिया गठबंधन के लिए बड़ा सिरदर्द साबित हो सकता है। गिरिनाथ सिंह के पास जनता का मजबूत आधार है, और उनकी पुरानी जीतें इस बार भी उन्हें एक मजबूत दावेदार बनाती हैं।
आखिरकार, आरजेडी की लिस्ट और गिरिनाथ सिंह की बगावत से यह साफ है कि झारखंड विधानसभा चुनाव में गढ़वा की लड़ाई दिलचस्प होने वाली है।




