
#गढ़वा – दानरो नदी पर स्थायी पुल के लिए जनता की वर्षों पुरानी माँग कब होगी पूरी?
- दानरो नदी पर स्थायी पुल निर्माण की माँग वर्षों से लंबित
- मौजूदा पीपा पुल हर साल बह जाता है, जिससे हज़ारों लोगों को परेशानी
- विधायक सत्येंद्रनाथ तिवारी ने सरकार से जल्द निर्माण की अपील की
- 2014 में हुआ था शिलान्यास, लेकिन अब तक सिर्फ कागजों में अटका प्रोजेक्ट
- लगभग 50,000 लोग इस पुल पर निर्भर, जिनमें किसान, व्यापारी, और मजदूर शामिल
- सरकार से पूछा – क्या यह पुल जनता के सहयोग से ही बनेगा?
दानरो नदी पर स्थायी पुल की माँग – गढ़वा की जनता की बड़ी जरूरत
गढ़वा के नगर परिषद क्षेत्र में बहने वाली दानरो नदी पर स्थायी पुल की माँग वर्षों से चली आ रही है, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। वर्तमान में मौजूदा पुल बेहद संकरा और पुराना है, जिससे जाम की समस्या आम हो गई है। हर साल बरसात में जब पीपा पुल बह जाता है, तो हज़ारों लोगों को आवागमन में भारी कठिनाई होती है।
इस पुल का निर्माण माली मोहल्ला और पुरानी बाजार समेत कई इलाकों के निवासियों के लिए जीवनरेखा साबित हो सकता है। स्थानीय लोग बार-बार सरकार से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन आज तक सिर्फ आश्वासन ही मिले हैं।
विधायक सत्येंद्रनाथ तिवारी का सरकार से दो-टूक सवाल
गढ़वा विधायक सत्येंद्रनाथ तिवारी ने सरकार से सवाल किया है कि—
- क्या सरकार इस पुल का निर्माण जल्द शुरू करेगी?
- अगर हाँ, तो फिजिबिलिटी रिपोर्ट कब तक तैयार होगी?
- क्या सरकार जनता के सहयोग से बने अस्थायी पुलों को ही स्थायी समाधान मानती है?
विधायक ने कहा कि इस पुल के बिना हज़ारों ग्रामीणों का जीवन अस्त-व्यस्त है, और सरकार को जल्द से जल्द इस पर निर्णय लेना चाहिए।
“गाँव के लोग हर साल चंदा इकट्ठा कर पुल बनाते हैं, लेकिन सरकार अब तक इस पर ध्यान नहीं दे रही है। सिर्फ घोषणाएँ करने से कुछ नहीं होगा, जल्द से जल्द निर्माण कार्य शुरू किया जाना चाहिए।” – सत्येंद्रनाथ तिवारी
2014 में हुआ था शिलान्यास, फिर क्यों अटका प्रोजेक्ट?
विधायक ने बताया कि 2014 में तत्कालीन मंत्री सुरेश पासवान ने इस पुल का शिलान्यास किया था, लेकिन 11 साल बीतने के बाद भी इसका निर्माण नहीं हो सका।
“गाँव के लोग हर साल 10 लाख रुपये जुटाकर अस्थायी पुल बनाते हैं। आखिर कब तक जनता को ही यह काम करना पड़ेगा?” – सत्येंद्रनाथ तिवारी
सरकार को अब इस मुद्दे पर गंभीरता दिखानी होगी, वरना जनता को सड़क पर उतरना पड़ेगा।
ग्रामीणों की रोज़मर्रा की ज़िंदगी प्रभावित
दानरो नदी पर स्थायी पुल न होने की वजह से लगभग 50,000 लोग प्रभावित हो रहे हैं। इनमें—
- किसान – खेतों से अनाज और सब्ज़ी लाने में दिक्कत
- व्यापारी – व्यापारिक गतिविधियों में बाधा
- मज़दूर – रोज़गार के लिए दूसरे इलाकों में जाने में मुश्किल
- स्कूली बच्चे और मरीज – स्कूल और अस्पताल पहुँचने में परेशानी
हर साल बारिश में जब पीपा पुल बह जाता है, तो गाँवों का संपर्क पूरी तरह टूट जाता है। लोगों को कई किलोमीटर का लंबा सफर तय करके अपने गंतव्य तक पहुँचना पड़ता है।
MLA का साफ संदेश – एक साल में पुल निर्माण शुरू हो
विधायक ने सरकार से स्पष्ट रूप से कहा कि अगले 1 साल में पुल निर्माण की प्रक्रिया शुरू होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि—
“यह पुल गढ़वा के हज़ारों लोगों के जीवन से जुड़ा हुआ है। सिर्फ आश्वासन देने से कुछ नहीं होगा, सरकार को तुरंत निर्माण कार्य शुरू करना चाहिए।” – सत्येंद्रनाथ तिवारी
अगर सरकार जल्द से जल्द इस पर फैसला नहीं लेती, तो जनता को बड़े स्तर पर आंदोलन करना पड़ सकता है।
‘न्यूज़ देखो’ की नज़र – क्या सरकार देगी जनता को राहत?
गढ़वा में दानरो नदी पर स्थायी पुल निर्माण की माँग कई वर्षों से लंबित है। ग्रामीण हर साल चंदा इकट्ठा कर अस्थायी पुल बनाते हैं, लेकिन सरकार अब तक इस पर कोई ठोस निर्णय नहीं ले सकी है। विधायक सत्येंद्रनाथ तिवारी ने सरकार से अविलंब निर्माण कार्य शुरू करने की माँग की है। अब देखना यह होगा कि सरकार इस पर क्या कदम उठाती है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।