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गढ़वा जिला परिषद अध्यक्ष शांति देवी ने उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री को सौंपा 6 सूत्री मांग पत्र, पंचायत सशक्तिकरण की उठाई मजबूत आवाज

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#गढ़वा #पंचायत_सशक्तिकरण : जिप अध्यक्ष शांति देवी ने मुख्यमंत्री को भेजा मांग पत्र — पंचायत प्रतिनिधियों के अधिकार, मानदेय और योजनाओं की क्रियान्वयन क्षमता को लेकर उठाई 6 अहम मांगें
  • जिप अध्यक्ष शांति देवी ने मुख्यमंत्री को सौंपा 6 सूत्रीय मांग पत्र
  • पंचायत प्रतिनिधियों को प्रशासनिक और वित्तीय अधिकार देने की मांग
  • मनरेगा, DRDA और बीमा योजनाओं में अधिकारों के विस्तार पर ज़ोर
  • 15वें वित्त आयोग की राशि समय पर पंचायतों को उपलब्ध कराने की मांग
  • मानदेय और बीमा से आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील

शांति देवी ने पंचायत सशक्तिकरण की दी नई दिशा

गढ़वा जिला परिषद अध्यक्ष शांति देवी ने पंचायती राज व्यवस्था को मज़बूत करने और प्रतिनिधियों को प्रभावशाली अधिकार देने की दिशा में बड़ी पहल की है। उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक 6 सूत्री मांग पत्र सौंपा है, जिसे जिला उपायुक्त के माध्यम से भेजा गया। यह मांगें पंचायत प्रतिनिधियों की भूमिका को वास्तविक जनप्रतिनिधित्व में बदलने की दिशा में अहम मानी जा रही हैं।

जानिए क्या हैं प्रमुख 6 मांगे

  1. पूर्ण कार्यकारी अधिकार: ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद को योजनाओं के नियोजन और क्रियान्वयन का स्वतंत्र अधिकार मिले।
  2. मानदेय की व्यवस्था: केरल और बिहार मॉडल की तर्ज पर पंचायत प्रतिनिधियों को नियमित और समुचित मानदेय मिले।
  3. वित्त आयोग की राशि का समयबद्ध वितरण: 15वें वित्त आयोग की राशि समय पर मिलनी चाहिए, जिससे योजनाएं समय से पूरी हों।
  4. 10 लाख का बीमा: सभी पंचायत प्रतिनिधियों को जीवन बीमा दिया जाए ताकि वे निश्चिंत होकर कार्य कर सकें
  5. DRDA का समावेशन: विकास कार्यों में बेहतर समन्वय के लिए DRDA को जिला परिषद के अधीन लाया जाए।
  6. मनरेगा में अधिकारों का विस्तार: पंचायत प्रतिनिधियों को 10 लाख तक की योजनाओं में लाभुकों से कार्य कराने का अधिकार मिले।

जिप अध्यक्ष शांति देवी ने कहा: “यह मांग पत्र केवल पंचायत प्रतिनिधियों के हक की बात नहीं करता, बल्कि यह झारखंड के विकास की नींव को सुदृढ़ करने का दस्तावेज़ है। जब तक जमीनी प्रतिनिधियों को वास्तविक अधिकार नहीं मिलते, तब तक समावेशी विकास संभव नहीं है।”

सशक्त पंचायत, सक्षम झारखंड की दिशा में कदम

शांति देवी की यह पहल केवल एक मांग पत्र तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे राज्य के पंचायत प्रतिनिधियों के सामूहिक अधिकारों की आवाज बन रही है। यदि इस पर सरकार सकारात्मक निर्णय लेती है, तो झारखंड में ग्राम स्तरीय विकास कार्यों को नया बल मिल सकता है।

न्यूज़ देखो: जनप्रतिनिधियों को मिले वास्तविक अधिकार

झारखंड में पंचायत प्रतिनिधियों की भूमिका अक्सर कागजी योजनाओं तक सीमित रह जाती है। शांति देवी के नेतृत्व में उठी यह मांगें, लोकतंत्र के सबसे निचले स्तर को सशक्त करने की दिशा में जरूरी पहल हैं। न्यूज़ देखो यह मांग करता है कि राज्य सरकार इन मुद्दों पर शीघ्र निर्णय लेकर पंचायती राज व्यवस्था को मजबूत करे।
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शांति देवी की यह आवाज सिर्फ गढ़वा की नहीं, पूरे झारखंड के पंचायत प्रतिनिधियों की है। इसे साझा करें, ताकि सरकार तक जन-जन की भावना पहुंचे और स्थानीय विकास को नई गति मिले।

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