
#गढ़वा #पंचायतराज : सतत विकास लक्ष्यों के लिए प्रभावी नीति और क्रियान्वयन की दिशा में जिला प्रशासन की पहल
- पंचायत उन्नति सूचकांक (PAI) ग्रामीण विकास के आकलन का महत्वपूर्ण उपकरण।
- नौ प्रमुख विषय – गरीबी, स्वास्थ्य, शिक्षा, जल, स्वच्छता, आत्मनिर्भरता, सामाजिक न्याय, सुशासन और महिला सशक्तिकरण।
- 14 अगस्त 2025, टाउन हॉल गढ़वा में जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन।
- उपायुक्त दिनेश कुमार यादव ने पंचायतों को विकास का केंद्र बिंदु बताया।
- PAI डेटा के आधार पर कमजोर क्षेत्रों की पहचान और सुधारात्मक रणनीतियां तय।
- बेहतर प्रदर्शन करने वाले जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को सम्मानित किया गया।
गढ़वा जिला प्रशासन ने सतत विकास लक्ष्यों को स्थानीय स्तर तक पहुंचाने के उद्देश्य से पंचायत उन्नति सूचकांक (PAI) पर एक जिला स्तरीय कार्यशाला आयोजित की। इस अवसर पर न केवल पंचायतों के प्रदर्शन का तुलनात्मक विश्लेषण हुआ, बल्कि भविष्य की कार्ययोजनाओं और सुधारात्मक रणनीतियों पर भी विस्तृत चर्चा हुई। कार्यशाला में उपायुक्त सहित जिले के प्रमुख अधिकारियों और पंचायत प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
पंचायत उन्नति सूचकांक – ग्रामीण विकास का नया मापदंड
भारत सरकार के पंचायत राज मंत्रालय द्वारा तैयार किया गया पंचायत उन्नति सूचकांक (Panchayat Advancement Index – PAI) देशभर के 2.5 लाख से अधिक ग्राम पंचायतों के प्रदर्शन को मापने का एक परिवर्तनकारी माध्यम है। इसका उद्देश्य केवल मूल्यांकन करना नहीं, बल्कि पंचायतों की कमजोरियों और संभावनाओं की पहचान कर स्थानीयकृत सतत विकास लक्ष्यों (Localized SDGs) के अनुरूप योजनाओं को सशक्त बनाना है।
PAI में शामिल नौ विषय – गरीबी उन्मूलन, बेहतर आजीविका, स्वास्थ्य सेवाएं, बाल अधिकार, जल संरक्षण, स्वच्छता, आत्मनिर्भरता, सामाजिक न्याय, सुशासन और महिला सशक्तिकरण – न केवल पंचायतों की वर्तमान स्थिति को दर्शाते हैं, बल्कि उनके विकास की दिशा भी तय करते हैं।
गढ़वा में कार्यशाला – सहभागिता और संवाद
14 अगस्त 2025 को टाउन हॉल गढ़वा में आयोजित जिला स्तरीय कार्यशाला में उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी दिनेश कुमार यादव, जिला परिषद अध्यक्ष शांति देवी, जिला परिषद उपाध्यक्ष सत्यनारायण यादव, उप विकास आयुक्त पशुपतिनाथ मिश्रा, अपर समाहर्ता राज महेश्वरम, पंचायती राज पदाधिकारी प्रमेश कुशवाहा सहित अन्य अधिकारी और पंचायत प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
पंचायती राज पदाधिकारी प्रमेश कुशवाहा ने PAI-1.0 डेटा का विस्तृत प्रस्तुतीकरण किया, जिसमें पंचायत स्तर पर विकास की प्राथमिकताओं, कमजोर क्षेत्रों और संभावनाओं पर चर्चा की गई।
उपायुक्त का संदेश – पंचायतें विकास का केंद्र
उपायुक्त दिनेश कुमार यादव ने कहा: “पंचायती राज एक केंद्र बिंदु के रूप में उभर रहा है। हमें सरकारी योजनाओं को धरातल पर लागू करना होगा, ताकि अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक उनका लाभ पहुंच सके।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि PAI के निष्कर्ष केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि गरीबी उन्मूलन, स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला सशक्तिकरण और पर्यावरण संरक्षण जैसे क्षेत्रों में ठोस परिवर्तन लाने की योजना तैयार की जाएगी।
प्रदर्शन आधारित सम्मान और आगे की दिशा
कार्यशाला में PAI डेटा के आधार पर पंचायतों की रैंकिंग और तुलनात्मक विश्लेषण किया गया। कमजोर क्षेत्रों में सुधार के लिए GPDP (ग्राम पंचायत विकास योजना) को अधिक प्रभावी बनाने, जन भागीदारी और पारदर्शिता बढ़ाने पर बल दिया गया।
प्रखंड और पंचायत स्तर पर बेहतर प्रदर्शन करने वालों को मोमेंटो और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। ओवरऑल बेहतर प्रदर्शन के लिए नगर उंटारी प्रखंड के बिलासपुर पंचायत के मुखिया को विशेष सम्मान दिया गया।
उपायुक्त ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों और प्रमुखों को निर्देश दिया कि वे एक-एक आदर्श पंचायत चिन्हित कर उसे मॉडल बनाएं और नियमित भ्रमण से योजनाओं के सुचारू क्रियान्वयन को सुनिश्चित करें।
PAI-1.0 संस्करण की आधिकारिक रिपोर्ट का मंच से विमोचन भी किया गया।
न्यूज़ देखो: पंचायत सशक्तिकरण की दिशा में ठोस पहल
गढ़वा में आयोजित यह कार्यशाला साबित करती है कि पंचायत उन्नति सूचकांक सिर्फ एक मूल्यांकन प्रणाली नहीं, बल्कि ग्रामीण विकास का जीवंत रोडमैप है। जब डेटा, संवाद और ठोस कार्रवाई साथ आते हैं, तो सतत विकास केवल सपना नहीं, हकीकत बन सकता है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
मिलकर बनाएं आदर्श पंचायतें
गढ़वा की यह पहल दिखाती है कि सही दिशा और सामूहिक प्रयास से ग्रामीण विकास की गति तेज हो सकती है। यदि आप भी अपने क्षेत्र की पंचायत को सशक्त और स्वावलंबी बनते देखना चाहते हैं, तो इस खबर को साझा करें और टिप्पणी के जरिए अपने विचार व्यक्त करें।