
#गढ़वा #एंटीनक्सलअभियान : छत्तीसगढ़ में उत्कृष्ट ऑपरेशन और सामुदायिक सेवा पर ITBP की सर्वश्रेष्ठ बटालियन ट्रॉफी।
झारखंड के पलामू प्रमंडल से ताल्लुक रखने वाले ITBP कमांडेंट विवेक कुमार पांडेय को वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ प्रभावी नेतृत्व और ऑपरेशनल सफलता के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया है। छत्तीसगढ़ के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र में तैनात 27वीं ITBP बटालियन को उनके नेतृत्व में सर्वश्रेष्ठ एंटी नक्सल अभियान ट्रॉफी प्रदान की गई। यह सम्मान ITBP के वार्षिक बल स्थापना दिवस पर जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में दिया गया। यह उपलब्धि न केवल बल के लिए, बल्कि झारखंड विशेषकर गढ़वा जिले के लिए गर्व का विषय है।
- 27वीं ITBP बटालियन को सर्वश्रेष्ठ नक्सल विरोधी ट्रॉफी।
- कमांडेंट विवेक कुमार पांडेय के नेतृत्व में मिली उपलब्धि।
- मानपुर क्षेत्र, छत्तीसगढ़ में सफल ऑपरेशनल कार्रवाई।
- ITBP महानिदेशक प्रवीण कुमार ने किया सम्मानित।
- गढ़वा जिले के मूल निवासी हैं कमांडेंट पांडेय।
झारखंड के पलामू प्रमंडल ने एक बार फिर देशभर में अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई है। गढ़वा जिले के मझिआँव थाना क्षेत्र अंतर्गत ऊंचरी गांव निवासी भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के कमांडेंट विवेक कुमार पांडेय को लाल आतंक के विरुद्ध उत्कृष्ट कार्य के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया है। उनके नेतृत्व में कार्यरत 27वीं ITBP बटालियन को छत्तीसगढ़ में नक्सल उन्मूलन के क्षेत्र में उल्लेखनीय सफलता के लिए सर्वश्रेष्ठ एंटी-नक्सल अभियान ट्रॉफी से नवाजा गया है।
यह सम्मान ITBP के वार्षिक बल स्थापना दिवस परेड के अवसर पर उधमपुर, जम्मू-कश्मीर में आयोजित भव्य समारोह में प्रदान किया गया। इस मौके पर ITBP के महानिदेशक प्रवीण कुमार ने स्वयं ट्रॉफी प्रदान करते हुए बटालियन के साहस, रणनीतिक दक्षता और निरंतर उत्कृष्ट प्रदर्शन की सराहना की।
छत्तीसगढ़ के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन
कमांडेंट विवेक कुमार पांडेय के नेतृत्व में 27वीं ITBP बटालियन छत्तीसगढ़ के अति नक्सल प्रभावित मानपुर क्षेत्र में तैनात है। यह क्षेत्र लंबे समय से वामपंथी उग्रवाद की गतिविधियों के लिए संवेदनशील माना जाता रहा है। ऐसे चुनौतीपूर्ण इलाके में बटालियन ने न केवल नक्सल विरोधी अभियानों को सफलतापूर्वक अंजाम दिया, बल्कि स्थानीय समुदाय के साथ विश्वास और सहयोग भी स्थापित किया।
ITBP अधिकारियों के अनुसार, बटालियन ने अपने क्षेत्र में कई प्रभावी ऑपरेशनों के माध्यम से नक्सली नेटवर्क को कमजोर किया है। इसके साथ ही नागरिक सुरक्षा, सड़क सुरक्षा, स्वास्थ्य सहायता और सामुदायिक संपर्क कार्यक्रमों के जरिए स्थानीय ग्रामीणों का भरोसा भी जीता गया है।
ITBP महानिदेशक प्रवीण कुमार ने कहा: “27वीं बटालियन ने कठिन परिस्थितियों में अनुकरणीय साहस और पेशेवर दक्षता का परिचय दिया है। कमांडेंट विवेक पांडेय का नेतृत्व इस सफलता की मजबूत नींव रहा है।”
गढ़वा जिले के निवासी हैं कमांडेंट विवेक पांडेय
कमांडेंट विवेक कुमार पांडेय मूल रूप से गढ़वा जिले के मझिआँव थाना क्षेत्र स्थित ऊंचरी गांव के निवासी हैं। वे स्वर्गीय रामनाथ पांडेय के पुत्र हैं। साधारण ग्रामीण परिवेश से निकलकर राष्ट्रीय सुरक्षा बल में उच्च पद तक पहुंचना उनके संघर्ष, अनुशासन और समर्पण का प्रमाण है।
शैक्षणिक रूप से भी विवेक पांडेय का रिकॉर्ड उत्कृष्ट रहा है। उन्होंने पत्रकारिता और इतिहास में स्नातकोत्तर की शिक्षा प्राप्त की है। वर्ष 2003 में ITBP में शामिल होने के बाद से वे लगातार देश की सेवा में समर्पित हैं।
देश के संवेदनशील इलाकों में निभाई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां
अपने लंबे सेवा काल में कमांडेंट विवेक कुमार पांडेय ने देश के कई संवेदनशील और रणनीतिक क्षेत्रों में जिम्मेदारियां निभाई हैं। इनमें भारत–चीन सीमा, जम्मू-कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश, असम, उत्तराखंड, नई दिल्ली, छत्तीसगढ़ और केरल जैसे क्षेत्र शामिल हैं। हर स्थान पर उन्होंने अनुशासन, नेतृत्व क्षमता और मिशन के प्रति प्रतिबद्धता का परिचय दिया है।
उनके सहयोगियों के अनुसार, वे अपने अधीनस्थ जवानों के मनोबल को ऊंचा रखने और ऑपरेशनल प्लानिंग में विशेष दक्षता के लिए जाने जाते हैं। यही कारण है कि उनकी यूनिट लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रही है।
परिवार और जिले में गर्व का माहौल
इस राष्ट्रीय सम्मान के बाद गढ़वा जिले में खुशी और गर्व का माहौल है। स्थानीय लोगों, सामाजिक संगठनों और परिचितों ने कमांडेंट विवेक पांडेय को बधाइयां दी हैं। वे गढ़वा जिला न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता विकास कुमार पांडेय के बड़े भाई हैं, जिससे जिले में यह उपलब्धि और भी चर्चा का विषय बन गई है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह सम्मान गढ़वा और पलामू प्रमंडल के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा, जो देश सेवा का सपना देखते हैं।
नक्सल विरोधी रणनीति में सामुदायिक सेवा की भूमिका
27वीं ITBP बटालियन की सफलता का एक अहम पहलू केवल सैन्य कार्रवाई तक सीमित नहीं रहा। बटालियन ने नक्सल प्रभावित इलाकों में सामुदायिक सेवा को भी अपनी रणनीति का हिस्सा बनाया। स्वास्थ्य शिविर, जनसंवाद, बच्चों की शिक्षा से जुड़े कार्यक्रम और स्थानीय समस्याओं के समाधान में सहयोग से बटालियन ने आम नागरिकों का विश्वास जीता।
विशेषज्ञ मानते हैं कि नक्सल उन्मूलन में यह दोहरी रणनीति—सख्त कार्रवाई और मानवीय संपर्क—लंबे समय में स्थायी शांति स्थापित करने में मददगार साबित होती है।
न्यूज़ देखो: जब नेतृत्व और रणनीति साथ चलते हैं
गढ़वा के सपूत विवेक कुमार पांडेय को मिला यह सम्मान दिखाता है कि मजबूत नेतृत्व और संवेदनशील रणनीति से लाल आतंक जैसी चुनौती का सामना किया जा सकता है। यह उपलब्धि न केवल ITBP की कार्यक्षमता को रेखांकित करती है, बल्कि यह भी सवाल उठाती है कि क्या ऐसे मॉडल को अन्य प्रभावित क्षेत्रों में भी अपनाया जाएगा। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
देश सेवा से बड़ा कोई सम्मान नहीं
साधारण गांव से निकलकर राष्ट्रीय सुरक्षा में योगदान देना हर युवा के लिए प्रेरणा है।
कमांडेंट विवेक पांडेय की सफलता बताती है कि अनुशासन और समर्पण से असंभव भी संभव बनता है।
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