
#सिमडेगा #महिला_सशक्तिकरण : महिलाओं के अधिकार और सामाजिक न्याय में उल्लेखनीय योगदान के लिए राज्य स्तरीय कार्यशाला में सम्मानित।
- ठेठईटांगर प्रखंड का जेंडर रिसोर्स सेंटर राज्य स्तरीय कार्यशाला में चयनित।
- झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसायटी ने महिला अधिकारों और सामाजिक न्याय में योगदान को देखते हुए सम्मानित किया।
- केंद्र ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, बाल विवाह रोकथाम, महिला सुरक्षा, दहेज प्रथा उन्मूलन जैसे कार्यक्रम सफलतापूर्वक चलाए।
- जिले में अब तक 581 केस दर्ज, जिनमें से 471 पोर्टल पर रजिस्टर, और 217 केस सफलतापूर्वक निष्पादित।
- ठेठईटांगर प्रखंड में 280 मामले पंजीकृत, 221 पोर्टल पर दर्ज, विशेषकर 276 घरेलू हिंसा के केस।
- सिमडेगा उपायुक्त कंचन सिंह ने उपलब्धियों की सराहना करते हुए भविष्य में सहयोग की बात कही।
सिमडेगा। ठेठईटांगर प्रखंड स्थित जेंडर रिसोर्स सेंटर को राज्य स्तरीय कार्यशाला में उनके उत्कृष्ट और प्रभावशाली कार्यों के लिए चयनित कर सम्मानित किया गया। यह सम्मान झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसायटी (JSLPS) द्वारा महिलाओं के अधिकारों, सामाजिक न्याय और समानता के क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय योगदान को देखते हुए प्रदान किया गया।
जेंडर रिसोर्स सेंटर ने महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा, घरेलू हिंसा उन्मूलन, सामाजिक न्याय और लिंग आधारित भेदभाव के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए कई प्रभावी पहलें की हैं। केंद्र ने स्थानीय महिला समूहों, किशोरियों, युवाओं, शिक्षक-शिक्षिकाओं और समुदाय के विभिन्न वर्गों को जोड़ते हुए व्यापक जागरूकता अभियान चलाए। इन अभियानों के सकारात्मक परिणाम क्षेत्र में स्पष्ट रूप से देखे गए हैं।
केंद्र ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, बाल विवाह रोकथाम, दहेज प्रथा उन्मूलन, महिला सुरक्षा, सम्मान एवं सशक्तिकरण जैसे मुद्दों पर प्रशिक्षण, बैठकों, रैलियों और जनजागरण कार्यक्रम सफलतापूर्वक संचालित किए। महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने और उन्हें नेतृत्व के अवसर प्रदान करने में केंद्र की भूमिका अत्यंत सराहनीय रही है।
सिमडेगा जिले में JSLPS के तहत कुल 5 प्रखंडों में जेंडर रिसोर्स सेंटर संचालित हैं। अब तक जिले में कुल 581 केस दर्ज, जिनमें से 471 पोर्टल पर रजिस्टर, और 217 केस सफलता पूर्वक निष्पादित किए जा चुके हैं। घरेलू हिंसा के मामले कुल 276 शामिल हैं। विशेष रूप से, ठेठईटांगर प्रखंड में 280 मामले पंजीकृत, जिनमें से 221 पोर्टल पर दर्ज किए जा चुके हैं। यह उपलब्धि केंद्र की कार्यकुशलता, त्वरित हस्तक्षेप और तकनीकी दक्षता का प्रमाण है।
सिमडेगा की उपायुक्त कंचन सिंह ने कहा: “जेंडर रिसोर्स सेंटर ने महिला अधिकारों, घरेलू हिंसा और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, साथ ही समुदाय में जागरूकता फैलाकर सकारात्मक परिवर्तन की नींव रखी है। जिला प्रशासन भविष्य में ऐसे प्रयासों को हर संभव सहयोग प्रदान करेगा।”

न्यूज़ देखो: महिला सशक्तिकरण और जागरूकता में ठेठईटांगर का मॉडल
यह चयन और सम्मान इस बात का प्रमाण है कि जेंडर रिसोर्स सेंटर महिलाओं के अधिकार और सामाजिक न्याय के लिए न केवल जागरूकता पैदा कर रहा है, बल्कि त्वरित और प्रभावी हस्तक्षेप के माध्यम से सकारात्मक बदलाव भी ला रहा है। इस तरह की पहल ग्रामीण क्षेत्रों में महिला सशक्तिकरण को मजबूत करती है।
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महिलाओं और बालिकाओं के अधिकारों के प्रति जागरूक रहें और समाज में उनके लिए सुरक्षित वातावरण बनाने में सहयोग करें। अपने क्षेत्र में जेंडर सेंसिटिविटी को बढ़ावा दें, उपलब्ध संसाधनों और पहलों का समर्थन करें। अपनी राय कमेंट करें, खबर साझा करें और महिलाओं के सशक्तिकरण में योगदान दें।





