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जारी में सामान्य वर्ग के बच्चों को मिला साइकिल का तोहफा, पढ़ाई के लिए बढ़ेगा उत्साह

#जारी #शिक्षा_सुविधा — झारखंड शिक्षा परियोजना के तहत कक्षा 8 के सामान्य जाति के छात्र-छात्राओं को वितरित की गई साइकिलें

झारखंड शिक्षा परियोजना के तहत जारी में साइकिल वितरण

गुमला जिले के जारी प्रखंड संसाधन केंद्र में शुक्रवार को झारखंड शिक्षा परियोजना के तहत सामान्य वर्ग के छात्र-छात्राओं को निःशुल्क साइकिल का वितरण किया गया। यह साइकिलें सत्र 2023-24 में कक्षा 8 में नामांकित विद्यार्थियों को प्रदान की गईं।

कार्यक्रम की अगुवाई बीईईओ प्रीति कुमारी कुजूर और बीपीएम सरफराज अंसारी ने की।

बीपीएम सरफराज अंसारी ने बताया: “सामान्य जाति के बच्चों को साइकिल देकर सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि हर वर्ग को पढ़ाई में समान अवसर मिले।”

बच्चों की आंखों में खुशी, पढ़ाई के लिए नया जोश

साइकिल मिलने पर बच्चों के चेहरे खिल उठे। उन्होंने बताया कि पहले उन्हें लगता था कि सिर्फ विशेष वर्ग के बच्चों को ही यह सुविधा मिलेगी, लेकिन अब सरकार ने सबके साथ समान व्यवहार करते हुए उन्हें भी साइकिल दी है

बच्चों ने कहा: “अब हम स्कूल साइकिल से जाएंगे। समय पर पहुंचेंगे और पढ़ाई में ध्यान देंगे।”

स्कूल आने-जाने में नहीं होगी अब देरी

बीईईओ प्रीति कुमारी कुजूर ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि अब आपको स्कूल आने में विलंब नहीं होगा, क्योंकि साइकिल मिलने से दूरी की समस्या काफी हद तक दूर हो गई है।

उन्होंने कहा:

कार्यक्रम में अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी

साइकिल वितरण कार्यक्रम के दौरान बीआरपी रीना कुमारी, निर्भय कुमार, सेवन्ती कुमारी, सीआरपी दिनेश नंद और माताशरण कुजूर भी मौजूद थे। सभी ने मिलकर बच्चों को प्रेरित किया और पढ़ाई में आगे बढ़ने का संदेश दिया।

न्यूज़ देखो: शिक्षा को सुलभ बनाने की दिशा में एक और कदम

झारखंड शिक्षा परियोजना के माध्यम से सामान्य वर्ग के बच्चों तक भी सुविधाओं का विस्तार समानता और समावेशी शिक्षा नीति की झलक है। जारी में हुआ यह साइकिल वितरण कार्यक्रम, दूरदराज के बच्चों के लिए नई उम्मीद और सुविधा लेकर आया है।

न्यूज़ देखो ऐसे हर सकारात्मक बदलाव को आपके सामने लाता है, जो शिक्षा, समान अवसर और सरकारी प्रयासों की पारदर्शिता का प्रमाण है।

हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

आइए, शिक्षा के इस सफर में बनें सहभागी

एक साइकिल न सिर्फ स्कूल जाने का साधन है, बल्कि यह स्वाभिमान, समय की बचत और पढ़ाई की निरंतरता का प्रतीक भी है।

आप भी इस पहल पर अपनी राय दें, लेख को रेट करें और अपने परिचितों से इसे साझा करें ताकि ज़्यादा बच्चे जागरूक हो सकें।

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