
हाइलाइट्स :
- घाघरा में इस बार रामनवमी जुलूस का आयोजन नहीं होगा
- दुर्गा पूजा के दौरान पुलिस कार्रवाई से भयभीत हुए ग्रामीण
- हाई स्कूल मैदान में बैठक कर सर्वसम्मति से लिया निर्णय
- किसी भी मेले या जुलूस का आयोजन नहीं करने का फैसला
- ग्रामीणों ने पुलिस प्रशासन पर लापरवाही और निर्दोषों को फंसाने का लगाया आरोप
रामनवमी जुलूस पर ब्रेक
गुमला: घाघरा प्रखंड में इस बार रामनवमी का जुलूस नहीं निकाला जाएगा। यह ऐतिहासिक परंपरा पिछले सात दशकों से जारी थी, लेकिन गत दुर्गा पूजा में पुलिस की कार्रवाई से डरे ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से यह निर्णय लिया। हाई स्कूल मैदान में हुई बैठक में यह फैसला सर्वसम्मति से लिया गया। ग्रामीणों ने कहा कि अब किसी भी तरह का मेला या जुलूस घाघरा में नहीं किया जाएगा।
पुलिस कार्रवाई बनी भय का कारण
बैठक में यह चर्चा सामने आई कि दुर्गा पूजा के दौरान चंदा विवाद को लेकर पुलिस द्वारा द्वेषपूर्ण कार्रवाई की गई। पुलिस ने वीडियो फुटेज में नजर आए सभी लोगों को आरोपी बना दिया। ग्रामीणों का कहना है कि रामनवमी के जुलूस में परंपरागत हथियारों का इस्तेमाल होता है और किसी भी अनहोनी की स्थिति में निर्दोष लोग फंस सकते हैं। अब स्थिति यह है कि लोग शांति समिति की बैठक में भी जाना नहीं चाह रहे।
“दुर्गा पूजा के समय पुलिस की लापरवाही से घटना हुई। थाना परिसर में सामान को सुरक्षित नहीं रखा गया और पुलिस अधिकारी सादे कपड़ों में मौके पर पहुंचे, जिन्हें लोग पहचान नहीं पाए। अब निर्दोषों को फंसाया जा रहा है, जबकि पुलिस अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।”
— घाघरा के ग्रामीणों का सामूहिक बयान
ग्रामीणों का प्रशासन पर आरोप
ग्रामीणों ने बताया कि दुर्गा पूजा के दौरान पुलिस प्रशासन की लापरवाही से स्थिति बिगड़ी। बावजूद इसके, कई निर्दोष लोगों को फंसाया जा रहा है और पुलिस अधिकारी कार्रवाई से बच रहे हैं। लोगों में इसको लेकर गहरा असंतोष व्याप्त है और उन्होंने प्रशासन से न्याय की मांग की है।
बैठक में शामिल रहे ये लोग
बैठक में बिपिन बिहारी सिंह, अशोक उरांव, रमेश गुप्ता, अखिलेश्वर साहू, नीरज जायसवाल, अमित ठाकुर, प्रवीण कुमार, दिनेश नाग, विक्की साहू, सूचित गोस्वामी, नीरज कुमार, मुकेश कुमार, संतोष गुप्ता, प्रभात साहू, सुलेश्वर साहू, परमेश्वर साय, नीरज कुमार साहू, घनश्याम सिंह, रामु सिंह, सुनील कुमार, वीरेंद्र कुमार, सुदन महतो, विशाल साहू, पवन कुमार समेत कई अन्य लोग उपस्थित थे।
‘न्यूज़ देखो’ की नजर
घाघरा के इस फैसले ने प्रशासनिक कार्यशैली पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या पुलिस अपनी जिम्मेदारी से बच रही है या ग्रामीणों का डर वाजिब है? आने वाले दिनों में यह मुद्दा और तूल पकड़ सकता है। ऐसी हर जनचेतना और प्रशासनिक कार्रवाई पर हमारी नजर बनी रहेगी। जुड़े रहिए ‘न्यूज़ देखो’, हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।