घाघरा बीडीओ ने आंगनबाड़ी सेविकाओं संग की समीक्षा बैठक, दिए कई दिशा-निर्देश

#गुमला #आंगनबाड़ी_बैठक – 183 केंद्रों की स्थिति की हुई समीक्षा, पोषण ट्रैकर और कन्यादान योजना पर विशेष जोर

सभी केंद्रों की सफाई व संचालन की स्थिति की हुई समीक्षा

गुमला जिला के घाघरा प्रखंड में बीडीओ दिनेश कुमार ने मंगलवार को अपने कार्यालय कक्ष में आंगनबाड़ी सेविका प्रमुखों एवं सुपरवाइजरों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक में प्रखंड के 183 आंगनबाड़ी केंद्रों की साफ-सफाई, चारदीवारी की स्थिति और नियमित संचालन की स्थिति की गहन समीक्षा की गई।

बैठक में बीडीओ ने कहा कि—

“सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को नियमित रूप से संचालित करें। साफ-सफाई सुनिश्चित हो और बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।”

पोषण ट्रैकर, मातृ वंदना व कुपोषण पर विशेष फोकस

बैठक के दौरान पोषण ट्रैकर योजना के अंतर्गत 1 से 15 तारीख तक वजन माप कार्य पूरा करने के निर्देश दिए गए। गृह भ्रमण कर ऑनलाइन अपडेट करने और मातृ वंदना योजना का लाभ 100% लाभुकों तक पहुंचाने का निर्देश भी दिया गया।

साथ ही, बीडीओ ने यह भी कहा कि—

“सैम (गंभीर रूप से कुपोषित) व अति कुपोषित बच्चों को चिन्हित करें और उन्हें योजनाओं का लाभ अवश्य दिलाएं।”

बेटियों पर विशेष योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर दिशा-निर्देश

सावित्रीबाई फुले योजना के तहत बच्चियों को सत-प्रतिशत लाभ दिलाने की बात कही गई। इसके साथ ही, कन्यादान योजना के लक्ष्यों को भी समय पर प्राप्त करने की जरूरत पर बल दिया गया।

बैठक में सभी सेक्टर प्रमुखों व सुपरवाइजरों को अपने क्षेत्रों की योजनाओं की जमीनी समीक्षा कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए। बीडीओ ने कहा कि प्रगति रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की रणनीति तय की जाएगी।

न्यूज़ देखो: बच्चों और बेटियों की योजनाओं को ज़मीनी हकीकत से जोड़ने की पहल

घाघरा प्रशासन का यह प्रयास स्वागतयोग्य है, जहां आंगनबाड़ी सेवाओं की निगरानी, योजनाओं की पहुंच और बेटियों के लिए चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाएं प्राथमिकता में हैं। न्यूज़ देखो की टीम इन योजनाओं के क्रियान्वयन को लगातार ट्रैक कर रही है, ताकि हर जरूरतमंद तक मदद पहुंचे और प्रशासन की जिम्मेदारी तय हो।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

योजनाएं तभी सफल होंगी जब जमीनी स्तर पर दिखे असर

सरकारी योजनाएं तभी सार्थक होती हैं जब उनका लाभ समाज के सबसे निचले तबके तक पहुंचे। घाघरा बीडीओ की यह बैठक उसी दिशा में एक सकारात्मक कदम है। अब जरूरी है कि सेविकाएं, सुपरवाइजर और विभागीय अधिकारी समन्वय के साथ कार्य करें, ताकि हर बच्चा और हर बेटी पोषण, शिक्षा और सुरक्षा की सुविधाओं से वंचित न रहे।

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