हाइलाइट्स :
- पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने घोड़थंबा बाजार में हिंसा प्रभावित इलाकों का किया दौरा।
- जली हुई दुकानों का निरीक्षण कर पीड़ितों से मुलाकात की।
- पुलिस प्रशासन पर निष्क्रियता का आरोप, ओपी प्रभारी और सीओ को हटाने की मांग।
- पीड़ितों को मुआवजा और निर्दोषों की रिहाई की अपील।
घटनास्थल का दौरा और पीड़ितों से मुलाकात
गिरिडीह जिले के घोड़थंबा बाजार में होली के दिन हुई हिंसक झड़प के बाद नेता प्रतिपक्ष सह पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने वहां पहुंचकर घटनास्थल का जायजा लिया। उन्होंने पैदल चलकर बाजार का भ्रमण किया और जली हुई दुकानों को देखा। इस दौरान उन्होंने पीड़ित व्यापारियों और स्थानीय निवासियों से बातचीत कर पूरी घटना की जानकारी ली।
‘हर साल निकलता था जुलूस, इस बार क्यों रोका गया?’
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि होली जुलूस हर साल इसी रास्ते से निकलता था, लेकिन कभी कोई समस्या नहीं हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि इस बार घोड़थंबा ओपी प्रभारी ने अपना वाहन लगाकर जुलूस को रोक दिया, जिससे विवाद की स्थिति बनी।
“होली में हिंदू समुदाय के लोग सिर्फ रंग और गुलाल लेकर चलते हैं, फिर भी प्रशासन ने इस बार जुलूस रोककर माहौल बिगाड़ने का काम किया।”
पुलिस पर निष्क्रियता और अत्याचार के आरोप
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि जुलूस रोके जाने के बाद पथराव हुआ, पेट्रोल बम फेंके गए और कई दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया, लेकिन पुलिस मूकदर्शक बनी रही।
उन्होंने दावा किया कि पुलिस ने रात में डेढ़-दो बजे पीड़ित परिवारों के घरों में घुसकर गाली-गलौज की और निर्दोष लोगों को गिरफ्तार किया।
“सरकार निर्दोषों की तुरंत बिना शर्त रिहाई करे और जिन लोगों की दुकानें जली हैं, उन्हें उचित मुआवजा दे।”
ओपी प्रभारी और सीओ को हटाने की मांग
मरांडी ने घोड़थंबा के ओपी प्रभारी और सीओ को हटाने की भी मांग की और कहा कि जब तक प्रशासन दोषियों पर कार्रवाई नहीं करता, तब तक वे इस मुद्दे को उठाते रहेंगे।
‘न्यूज़ देखो’ की नजर इस घटनाक्रम पर बनी रहेगी!
घोड़थंबा हिंसा के बाद प्रशासन की निष्क्रियता और निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं। क्या सरकार इस घटना पर कड़ी कार्रवाई करेगी? ‘न्यूज़ देखो’ इस पूरे मामले की गहन रिपोर्टिंग करता रहेगा। जुड़े रहें हमारे साथ, क्योंकि हर खबर पर रहेगी हमारी नज़र!