#Giridih_Skill_Development #AISECT_Plasement_Drive — छात्राओं ने सफलता की कहानी साझा कर बढ़ाया हौसला
- 15 अप्रैल को गिरिडीह के परियाना मेगा स्किल सेंटर में हुआ आयोजन
- 120 से अधिक प्रशिक्षार्थियों ने लिया भाग, 86 हुए शॉर्टलिस्ट
- जय भवानी एसोसिएट और शक्ति इन्फ्रा ने छात्रों को दिया अवसर
- स्टार एलुमनी छात्राओं को किया गया सम्मानित, प्रेरणादायक रही सफलता की कहानी
प्रेरणा बनीं सफल छात्राएं, साझा की अपनी कहानी
झारखंड कौशल विकास मिशन सोसाइटी (JSDMS) के अंतर्गत आइसेक्ट द्वारा संचालित दीन दयाल उपाध्याय कौशल केंद्र, परियाना, गिरिडीह में प्लेसमेंट ड्राइव सह स्टार एल्युमिनाई मीट का आयोजन किया गया।
इसमें पूर्व में प्रशिक्षण प्राप्त कर सफल हो चुकीं 8 छात्राओं को सम्मानित किया गया, जिनमें रितु कुमारी, कंचन कुमारी, मीना किस्कू, सेलिना मरांडी, रवीना मरांडी, शिवानी सिंह, ममता कुमारी और मैमून परवीन शामिल थीं।
“आइसेक्ट से टेलर व तकनीशियन का प्रशिक्षण लेकर आज हम आत्मनिर्भर हैं। हमने तिरुपुर, तमिलनाडु और बेंगलुरु की प्रतिष्ठित कंपनियों में काम कर अपने परिवार को सहारा दिया है।”
— रितु कुमारी, सम्मानित एलुमनी
86 छात्र-छात्राओं को मिला रोजगार का अवसर
कार्यक्रम के दौरान आयोजित प्लेसमेंट ड्राइव में दो कंपनियों—जय भवानी एसोसिएट और शक्ति इन्फ्रा (तमिलनाडु) ने भाग लिया।
इस ड्राइव में कुल 120 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया, जिसमें से 86 को कंपनियों ने शॉर्टलिस्ट किया।
छात्रों को माइग्रेशन सपोर्ट सेंटर के प्रतिनिधियों ने भी संबोधित कर उन्हें नौकरी में टिके रहने और बाहर जाने के दौरान सावधानियों की जानकारी दी।
अधिकारियों ने बढ़ाया हौसला
कार्यक्रम में JSDMS के UNDP प्रोजेक्ट असिस्टेंट दीपक पांडेय उपस्थित रहे। उन्होंने छात्रों को करियर निर्माण और आत्मनिर्भरता के रास्ते पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
आइसेक्ट और JSDMS के अधिकारियों को भी इस मौके पर सम्मानित किया गया, साथ ही स्थानीय लोगों से भी आह्वान किया गया कि वे इन सफल छात्राओं से सीख लेकर कौशल विकास की ओर कदम बढ़ाएं।
“सिर्फ इमारत बनाना काफी नहीं, उसमें प्रशिक्षक, संसाधन और नौकरी की राह भी तय होनी चाहिए। सरकार इसके लिए लगातार प्रयासरत है।”
— दीपक पांडेय, UNDP प्रोजेक्ट असिस्टेंट
‘न्यूज़ देखो’ संदेश : कौशल से बदलेगी तस्वीर
गिरिडीह के इस आयोजन ने यह साबित कर दिया कि यदि प्रशिक्षण सही दिशा में मिले और अवसर मिलें, तो हर युवक-युवती आत्मनिर्भर बन सकता है।
सरकार और संस्थानों के सहयोग से झारखंड की तस्वीर बदल रही है, और आइसेक्ट जैसे केंद्र इसमें अहम भूमिका निभा रहे हैं।
‘न्यूज़ देखो’ आपसे अपील करता है — कौशल को अपनाएं, अवसर को पहचानें और आत्मनिर्भर भारत की नींव में अपना योगदान दें।