- राजकीयकृत मध्य विद्यालय, मकतपुर में हुआ कार्यक्रम।
- किशोरियों को आत्मरक्षा (कराटे) का प्रशिक्षण दिया गया।
- गुड टच-बैड टच, जेंडर समानता और यौन उत्पीड़न पर जागरूकता।
- बाल विवाह रोकने और बेटियों की शिक्षा-सुरक्षा को लेकर शपथ दिलाई गई।
- बेटियों के 4 मुख्य अधिकारों पर जानकारी दी गई।
आत्मरक्षा एवं कानूनी जागरूकता का सत्र आयोजित
गिरिडीह: बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के 10 वर्ष पूरे होने पर समाज कल्याण विभाग द्वारा राजकीयकृत मध्य विद्यालय, मकतपुर में किशोरियों के लिए आत्मरक्षा (कराटे) एवं कानूनी जागरूकता सत्र आयोजित किया गया।
इस दौरान गुड टच-बैड टच, जेंडर समानता, यौन उत्पीड़न एवं कानूनी अधिकारों से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी दी गई।
बेटियों की शिक्षा और सुरक्षा पर जोर
इस कार्यक्रम का उद्देश्य लिंग आधारित भेदभाव को कम करना, शिक्षा को बढ़ावा देना और बेटियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना था।
“बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान केवल जागरूकता अभियान नहीं, बल्कि बेटियों को समान अधिकार दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।”
बाल विवाह रोकने और बेटियों की शिक्षा पर शपथ
कार्यक्रम के दौरान बाल विवाह को रोकने, बेटियों की शिक्षा को बढ़ावा देने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की शपथ दिलाई गई।
बेटियों के 4 प्रमुख अधिकारों पर चर्चा
कार्यक्रम में किशोरियों को उनके 4 प्रमुख अधिकारों के बारे में बताया गया:
- जीने का अधिकार – बेटियों को समान जीवन जीने का अवसर मिले।
- विकास का अधिकार – शिक्षा, स्वास्थ्य और व्यक्तिगत विकास में समानता मिले।
- सुरक्षा का अधिकार – बाल विवाह, यौन उत्पीड़न और हिंसा से सुरक्षा।
- सहभागिता का अधिकार – बेटियों को समाज में समान भागीदारी का अवसर मिले।
कन्या भ्रूण हत्या रोकने पर जोर
कार्यक्रम में बालक एवं बालिकाओं के जन्मदर अनुपात को समान करने और कन्या भ्रूण हत्या रोकने पर विशेष बल दिया गया।
निष्कर्ष :
‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान का यह कार्यक्रम गिरिडीह की बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने और उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
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