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- गिरिडीह के मोहनपुर निवासी मो. मंजूर 2019 में सऊदी अरब गया था।
- कंपनी ने छह महीने बाद वेतन देना बंद किया, फिर एजेंट के जरिए दूसरी नौकरी मिली।
- हर महीने ‘किफ़ाला’ के रूप में पैसा देना पड़ा, वीजा अवधि खत्म होने के कारण वापसी में दिक्कत।
- अब गंभीर रूप से बीमार मंजूर भारत लौटना चाहता है, मां और मोहल्ले के लोगों ने की सरकार से अपील।
बीमार हालत में वतन वापसी की गुहार
गिरिडीह, मोहनपुर: साल 2019 में सिलाई का काम करने सऊदी अरब गए मो. मंजूर अब वहां फंस गए हैं। कंपनी ने छह महीने बाद वेतन देना बंद कर दिया, जिसके बाद एजेंट के जरिए दूसरी नौकरी मिली, लेकिन हर महीने ‘किफ़ाला’ के रूप में पैसे देने पड़े। अब जब मंजूर भारत लौटना चाहता है तो किफ़ाला की बकाया राशि और वीजा अवधि खत्म होने के कारण सऊदी दूतावास से अनुमति नहीं मिल रही है।
90 वर्षीय मां की सरकार से अपील
मंजूर की 90 वर्षीय मां, साबरा बेगम बेटे की हालत से बेहद चिंतित हैं। उन्होंने सरकार से भावुक अपील करते हुए कहा—
“मेरा बेटा बुढ़ापे का सहारा है। वह जिंदगी और मौत से जूझ रहा है। सरकार किसी तरह उसे भारत वापस लाने की व्यवस्था करे। मैं भीख मांगकर उसका इलाज करवाऊंगी, लेकिन अब उसे विदेश नहीं जाने दूंगी।”
स्थानीय लोगों की सरकार से मांग
मोहल्ले के लोगों ने भी झारखंड सरकार और केंद्र सरकार से हस्तक्षेप कर मंजूर को जल्द से जल्द भारत वापस लाने की अपील की है।
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मो. मंजूर की स्थिति गंभीर बनी हुई है। उसकी वतन वापसी की मांग जोर पकड़ रही है। अब देखना होगा कि सरकार इस पर क्या कदम उठाती है।