
#गिरिडीहसमाचार #चिड़ियाघरयोजना #झारखंडपर्यटन – बाघ, हाथी और गेंडे जैसे आकर्षक वन्यजीवों के साथ विकसित होगा नया पर्यटन केंद्र
- 84 हेक्टेयर वनभूमि पर 100 करोड़ की लागत से चिड़ियाघर निर्माण का प्रस्ताव
- बाघ, हाथी, गेंडा समेत 15+ प्रजातियों के जीव-जंतु होंगे शामिल
- नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू की पहल पर तैयार हुई योजना
- पर्यटन, रोजगार और क्षेत्रीय विकास को मिलेगा बढ़ावा
- पालगंज में बायोडायवर्सिटी पार्क भी निर्माणाधीन
कुम्हरलालो बनेगा वन्यजीवों का नया घर
गिरिडीह जिले के पीरटांड़ प्रखंड के कुम्हरलालो में एक बड़ा और आधुनिक चिड़ियाघर बनने की संभावना प्रबल हो गई है।
यह प्रस्ताव लगभग 100 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है, जिसमें 84 हेक्टेयर वनभूमि का उपयोग किया जाएगा।
योजना के अनुसार, यहां बाघ, हाथी, गेंडा, भालू, हिरण, मगरमच्छ सहित 15 से अधिक प्रजातियों के जीव-जंतु और पक्षी रखे जाएंगे।
मंत्री सुदिव्य कुमार की पहल से आई योजना
नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू की सक्रिय पहल और प्रयासों से यह चिड़ियाघर योजना आगे बढ़ी है।
उनका मानना है कि गिरिडीह को पर्यटन के नक्शे पर एक नई पहचान दिलाने के लिए यह चिड़ियाघर मील का पत्थर साबित होगा।
स्थानीय प्रतिनिधियों और वन विभाग के सहयोग से प्रस्ताव को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया चल रही है।
पर्यटन को मिलेगा नया आयाम, तीर्थयात्रियों को नया ठिकाना
इस परियोजना से न केवल गिरिडीह बल्कि पूरा उत्तरी झारखंड पर्यटन के क्षेत्र में एक नई पहचान बनाएगा।
पारसनाथ आने वाले तीर्थयात्रियों को ठहरने और घूमने के लिए एक नई और आकर्षक जगह उपलब्ध होगी।
इसके साथ ही क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, जिससे स्थानीय युवाओं को लाभ मिलेगा।
पालगंज में बायोडायवर्सिटी पार्क भी निर्माणाधीन
पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी गिरिडीह की छवि और सशक्त हो रही है।
पालगंज में एक बायोडायवर्सिटी पार्क का निर्माण भी तेजी से हो रहा है, जो पर्यावरण संरक्षण, रिसर्च और पर्यटन तीनों क्षेत्रों को आगे बढ़ाएगा।
न्यूज़ देखो : विकास की हर पहल पर रहे आपकी नजर
गिरिडीह में चिड़ियाघर जैसी योजनाएं न केवल प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण की दिशा में सार्थक कदम हैं, बल्कि स्थानीय समाज और अर्थव्यवस्था को मजबूती देने वाला प्रयास भी हैं।
न्यूज़ देखो आपको हर ऐसे सकारात्मक बदलाव से रूबरू कराता है जो आपके जिले को आगे बढ़ाता है।
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